नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 26 नवंबर 2021,
देशभर में हर साल 26 नवंबर को नेशनल मिल्क डे मनाया जाता है। आज ही भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्मदिन होता है। जिसे हर साल ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ के रुप में मनाया जाता है। इस वर्ष वर्गीज कुरियन का 100वां जन्मदिवस है और देशभार में उनके जन्म शताब्दी के अवसर पर कई आयोजन किए जा रहे हैं। नेशनल मिल्क डे के अवसर पर गुजरात के आणंद में डॉ. वर्गीज कुरियन की कर्मभूमि रहे राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड यानि एडीडीबी के परिसर में वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसे एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाज ने हरी झंडी दिखाई।
#KadamForKurien Walkathon flagged off – Dr Verghese Kurien Birth Centenary Celebrations #KahaniKurienKi #DeshKaDoodhwala pic.twitter.com/Fy46WlO3ZO
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#KadamForKurien all gather at the stahe and NDDB ground after the walkathon for forming human portrait. #KahaniKurienKi #DeshKaDoodhwala pic.twitter.com/qyjf9hOgy7
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People forming human portrait of Dr Verghese Kurien at NDDB ground on his birth Centenary. #KadamForKurien #KahaniKurienKi #DeshKaDoodhwala pic.twitter.com/XARykL4BQZ
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इस अवसर आणंद में ही भारत सरकार की तरफ से गोपालरत्न पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। इसमें केंद्री डेयरी और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, डॉ. सजीव बालियान और एल मुरुगन शिरकत कर रहे हैं।
National Milk Day celebrations to mark Dr Verghese Kurien’s birth centenary and Gopal Ratna Award ceremony in august presence of Hon’ble Union Ministers @PRupala, @drsanjeevbalyan & @Murugan_MoS and other dignitaries. Watch livehttps://t.co/m2gKIBK0hv
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आइए इस मौके पर जानते हैं आखिर कौन थे डॉ. वर्गीज कुरियन और कैसे तय किया उन्होंने सफलता का ये सफर।
भारत में श्वेत क्रांति लाने वाले डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में एक सीरियाई ईसाई परिवार में नवंबर 1921 को हुआ था। वर्गीज ने लॉयला कॉलेज से साल 1940 में स्नातक करने के बाद चेन्नई के गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद डॉक्टर वर्गीज कुरियन को डेयरी इंजीनियरिंग में अध्ययन करने के लिए भारत सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप भी मिली। साल 1948 में मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री हासिल की, जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी उनके पास एक विषय था।
देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की दशा सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन ने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की। साल 1949 में कुरियन ने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की थी। कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण किया था। इससे पहले दूध कंपनी गाय के दूध से बने पाउडर का ही निर्माण करती थी।
देश में श्वेत क्रांति लाने वाले ‘फादर ऑफ द व्हाइट रेवेल्यूशन’ कुरियन के आइडिया ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने भारत की मिल्क इंड्स्ट्री को हमेशा-हमेशा के लिए बदल के रख दिया। 30 सालों में उन्होंने दूध की कमी से जूझ रहे भारत को विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाया। उनके योगदान के लिए उन्हें रैमन मैगसेसे, पद्म विभूषण और वर्ल्ड फूड प्राइज जैसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
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