NDRI दीक्षांत समारोह: दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर किसानों को समृद्ध बनाया जा सकता है: राष्ट्रपति

Dairy Today Network,
Karnal, 24 April 2023

एनडीआरआई के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संस्थान की उस उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने इस अवसर दो सत्रों के 545 बीटेक एमएसी और पीएचडी छात्रों को डिग्री बांटी। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान क्लोन टेक्नोलॉजी से दुनिया में एनिमल साइंस के क्षेत्र में धाक जमा रहा है। जीवित गाय के अंडाणु से देसी नस्ल की गिर गाय का क्लोन तैयार कर संस्थान ने नई पहचान बनाई है।

राष्ट्रपति ने क्लोन बछड़ी गंगा को देखा। उन्होंने वैज्ञानिकों से किसानों की आय में बढ़ाने के लिए प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने भैंसों व गायों पर शोध की सराहना करते हुए कहा कि इससे पुशओं की दूध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

देश में गाय भैंस की अनेक प्रजाति पाई जाती है, लेकिन कुछ चार से पांच प्रतिशत अधिक दूध देने की क्षमता रखती हैं। बढ़ती आबादी के अनुसार दुध की उपलब्धता अभी चुनौती है। यह टेक्नोलॉजी के विकास हो सकता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में 444 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है, लेकिन हरियाणा में यह आकड़ा 1127 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है। उन्हें पंजाब से आगे जाना है। खुशी की बात है कि प्रदेश में 60 प्रतिशत युवा डेयरी क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। सरकार बैंकिंग व को-ऑपरेटिव व्यवस्था से इसे आगे बढ़ा रही है। गिर गाय के क्लोन से नस्ल सुधार के साथ दूध उत्पादन बढ़ेगा। इसलिए वैज्ञानिकों को शोध को बढ़ाना होगा

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि दूसरी श्वेत क्रांति के लिए यह सही समय है। भारतीय डेयरी उद्योग सही नीतियों को अपनाकर वैश्विक स्तर पर डेयरी उद्योग में अग्रदूत बन सकता है। डेयरी उद्योग हमारे देश में सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है। लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। ग्रामीण समुदाय की आजीविका का अहम साधन है। उन्हें विश्वास है कि इस क्षेत्र में पशुओं पर जलवायु परिवर्तन, नई बीमारियों के प्रभाव की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्र-छात्राएं अपने ज्ञान कौशल का भरपूर प्रयोग करेंगे।

पहली बार जिंदा पशु से बना क्लोन गिर गाय की क्लोन बछड़ी गंगा आकर्षण का केंद्र बनी । एनडीआरआई ने 2009 से अबतक 25 क्लोन तैयार किए जिसमें 13 जिंदा हैं। गाय का पहला क्लोन तैयार करके एनडीआरआई ने नया इतिहास रचा है। क्योंकि भैंस के क्लोन तैयार करने में मृत पशु के गर्भाश्य से अंडा लिया जाता था, जबकि गाय को भारत में माता का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में जिंदा गाय से अंडा लेकर क्लोन तैयार करना चुनौती थी। निदेशक डॉ. धीर सिंह के निर्देशन में 16 मार्च को यह सफलता प्राप्त की गई।

(साभार- दैनिक भास्कर)

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