डेयरी टुडे नेटवर्क,
करनाल(हरियाणा), 25 नवंबर 2017,
करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में तीन दिनों से चल रहा राष्ट्रीय डेयरी मेला आज संपन्न हो गया। 23 नवंबर को शुरु हुए इस राष्ट्रीय डेयरी मेले में हरियाणा, पंजाब, यूपी, एमपी, राजस्थान समेत तमाम राज्यों के किसानों और पशुपालकों ने हिस्सा लिया। तमाम किसान अपने साथ पशुओं को भी प्रदर्शन के लिए लाए थे। मेले में वैसे तो सभी पशु एक से बढकर एक थे लेकिन उनमें से अच्छी नस्ल के पशुओं को विशेष तवज्जो दी गई। मेले में तीन रिंग बनाए गए थे, जिनमें गांय और भैंस मॉडलिंग करते हुए दिखाई दी।
मेले के दौरान अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें दूध के दांत वाली गीर व शाहीवाल नस्ल की बछडिय़ों की सौंदर्य प्रतियोगिता में तरावड़ी के किसान रामसिंह की बछड़ी प्रथम स्थान पर रही। वहीं प्रेम नगर करनाल के किसान अनिल कुमार बछड़ी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और अंबाला के किसान कर्मजीत की बछड़ी तीसरे स्थान पर रही। इसी प्रकार दो दांत से ऊपर की बछडिय़ों की सौंदर्य प्रतियोगिता में एसकेएस गुरूकुल कुरूक्षेत्र की बछड़ी प्रथम, तरावड़ी के किसान राम सिंह की बछड़ी द्वितीय तथा रोहतक के युवराज की बछड़ी तृतीय स्थान पर रही।
दूध के दांत वाली कटडिय़ों की सौंदर्य प्रतियोगिता में कैथल जिले के थेमुकेरिया गांव के किसान देवेंद्र की कटड़ी पहले, यमुनानगर के किसान राजकुमार की कटड़ी दूसरे पायदान पर रही। इसी प्रकार दो दांत से ऊपर वाली भैंस की सौंदर्य प्रतियोगिता में भिवानी जिला के किसान दीपेंद्र की भैंस ने पहला, सोनीपत जिले के गंगाना गांव के किसान रामनिवास की भैंस दूसरे तथा कैथल जिले के किसान दयानंद की भैंस ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
एनडीआरआई के निदेशक डा. आरआरबी सिंह की अध्यक्षता में किसान विचार संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें वैज्ञानिकों ने किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। डा. सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालन किसानों का महत्वपूर्ण व्यवसाय है, लेकिन इस व्यवसाय में पशुपालकों को मुंहपका, गलघोटू, थनैला, समय पर पशु का गर्मी में न आना और समय से पहले गर्भ का गिर जाना जैसे अनेक प्रकार की समस्याओं का समाना करना पड़ता हैं। जिनसे निदान पाने के लिए समय पर टीकाकरण करवाना जरूरी है। संगोष्ठी के दौरान पशु विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ गायों में खनिज तत्वों की कमी होती है और सही समय पर गर्भाधारण न करवाने के कारण भी यह समस्या होती है। इसलिए गायों में खनिज तत्वों की पूर्ति के साथ सही समय पर गर्भाधारण करवाएं।
डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में कमाई के काफी संभावनों का जिक्र करते हुए एनडीआरआई के निदेशक डा. आरआरबी सिंह ने बताया कि एनडीआरआई स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कुछ दिन की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे आप डेयरी फार्म की पूरी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हो। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अनुसंधान डा. बिमलेश मान, डा. केएस कादियान, डा. दलीप गोसाई, डा. डा. बीएस मीणा, डा. राजू, डा. गोपाल सांखला, डा. एसएस लठवाल, वरिष्ठ तकनीशियन सुनील कुमार सहित अन्य वैज्ञानिक व किसान उपस्थित रहे। मेले के अंतिम दिन राष्ट्रीय पशु मेले में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में विजेता किसानों और पशुपालकों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। मेले के दौरान हरियाणा के लोक संस्कृति विभाग की तरफ से किसानों के तमाम मनोरंजक कार्यक्रम भी पेश किए गए।
आपको बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में तीन दिवसीय राष्टीय डेरी मेले की शुरुआत हुई थी, उद्घाटन के मौके पर छबिलेंद्र राउल, अतिरिक्त सचिव, डेयरी तथा सचिव, आईसीएआर नई दिल्ली ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की थी। छबिलेंद्र राउल ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना है, जिसे साकार करने में डेरी सेक्टर तथा इंटीग्रेटिड कृषि अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इसके लिए किसान को आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों सहयोग लेकर कृषि की लागत को कम करके तथा बिचौलिया प्रथा को खत्म करके खुद बाजार में आना होगा। एनडीआरआई की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्थान इस प्रकार के मेलों का आयोजन करके आप सब किसानों को एक ऐसा मंच प्रदान कर रहा है, जहां आप अपने पशुओं की उत्कृष्टता दिखा सकते हैं और उसका उचित ईनाम भी पा सकते हैं।
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