Dairy Today Network,
Tiruvanantpuram, Kerala, 15 april 2023
कर्नाटक में दूध को लेकर संग्राम अभी थमा भी नहीं है कि केरल में भी मिल्क को लेकर इसी तरह की जंग छिड़ गई है। गुजरात के फेमस मिल्क ब्रैंड अमूल (Amul) की कर्नाटक में एंट्री को लेकर पिछले दिनों काफी हंगामा हुआ था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार स्थानीय ब्रैंड नंदिनी को खत्म करना चाहती है और अमूल को स्थापित करना चाहती है। अब ‘नंदिनी’ (Nandini) पर केरल के दूध ब्रैंड ‘मिल्मा’ (Milma) को खत्म करने के आरोप लग रहे हैं। दरअसल, केरल में कर्नाटक के फेमस ब्रैंड नंदिनी की एंट्री हुई है, जिसकी वजह से ‘मिल्मा’ चलाने वाली को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन नाराज हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने ‘नंदिनी’ दूध ब्रैंड के कुछ आउटलेट्स केरल में खोले हैं। इतना ही नहीं, उसने पूरे राज्य में इसके विस्तार करने की घोषणा भी कर दी है, जिससे केरल में बवाल मच गया है। बता दें कि केरल सहकारी समिति में 15 लाख डेयरी किसान सदस्य और 3,000 से अधिक सहकारी समितियां हैं। मिल्मा के अध्यक्ष केएस मणि का कहना है कि कुछ राज्यों की कंपनियों में अपनी सीमा से बाहर उत्पाद बेचने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। जो संघीय सिद्धांतों और सहकारी भावना का उल्लंघन है। यह कदम सहकारिता की भावना के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि जब अमूल के अपने राज्य में उत्पाद बेचने के फैसले का कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने विरोध किया था, तो केरल में ‘नंदिनी’ के प्रवेश को कैसे उचित ठहराया जा सकता है? मणि ने यह भी कहा कि जब केरल में दूध की कमी होती है, तो हम कर्नाटक से थोक में दूध खरीदते हैं। कई मौकों पर हम नंदिनी से एक दिन में 2 लाख लीटर दूध तक खरीदते हैं, लेकिन कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का यह कदम किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।
‘मिल्मा’ केरल का फेमस मिल्क ब्रैंड है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मिल्मा अपने नेटवर्क में सहकारी समितियों के माध्यम से अपने टर्नओवर का 83% डेयरी किसानों को देती है। राज्य में ‘मिल्मा’ ब्रैंड के दूध को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। केरल मिल्क फेडरेशन को लग रहा है कि ‘नंदिनी’ की एंट्री से उसका बाजार प्रभावित होगा। नंदिनी कर्नाटक का काफी लोकप्रिय ब्रैंड है। इसकी स्थापना 1955 में कोडगू जिले में डेयरी के तौर पर रखी गई थी। हालांकि, इसका नंदिनी नाम काफी बाद में रखा गया।
नंदिनी पर कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (KMF) का मालिकाना हक है। इसे देश का दूसरा और दक्षिण भारत का सबसे बड़ा डेयरी को-ऑपरेटिव कहा जाता है। नंदिनी नाम पवित्र गाय के नाम पर रखा गया है। मौजूदा वक्त में नंदिनी कर्नाटक का सबसे ब्रैंड है। इसकी पहुंच 22000 गांवों तक है 24 लाख से अधिक किसान एवं पशुपालक नंदिनी के साथ जुड़े हैं। कंपनी रोजाना 84 लाख लीटर दूध खरीदती है। बाजार में कंपनी के 65 से अधिक प्रोडक्ट्स आते हैं।
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