डेयरी टुडे डेस्क,
नई दिल्ली, 13 सितंबर 2017,
रोजाना डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से ग्राहकों को फायदा होने का मोदी सरकार का दावा फिलहाल गलत नजर आ रहा है। प्रतिदिन बढ़ती-घटती कीमतों के नए नियम से पेट्रोल की कीमत एक बार फिर 2014 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसमें सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का है, जहां पर पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। दरअसल, यहां पर वैट सबसे अधिक लगता है, जिसकी वजह से यहां डीजल और पेट्रोल की कीमतें सबसे अधिक हैं।
आज दिल्ली में पेट्रोल 70.38 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है, वहीं दूसरी ओर, डीजल की कीमत 58.72 रुपए प्रति लीटर है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तो पेट्रोल की कीमत में जैसे आग ही लग गई है। आज मुंबई में पेट्रोल की कीमत 79.48 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं दूसरी ओर डीजल की कीमत 62.37 रुपए प्रति लीटर है। इनके अलावा, कोलकाता में भी बुरा हाल है। यहां पर पेट्रोल की कीमत 73.12 रुपए प्रति लीटर है। जबकि चेन्नई में पेट्रोल की कीमत आज 72.95 रुपए प्रति लीटर है।
अगर चारों महानगरों की बात की जाए तो राजधानी दिल्ली के लोगों को थोड़ी राहत मिली है। राजधानी दिल्ली में डीजल कीमत 60 रुपए से कम है। वहीं दूसरी ओर, पेट्रोल की कीमतों में भी सबसे कम बढ़ोत्तरी दिल्ली में ही देखी जा रही है। दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 70.38 रुपए प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 58.72 रुपए प्रति लीटर है। आपको बता दें कि सिर्फ सितंबर महीने में ही अब तक पेट्रोल की कीमतों में 1.53 फीसदी से 1.80 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है। इस महीने के सिर्फ 12 शुरुआती दिनों में ही डीजल की कीमत में 2.78-2.96 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का हो गया है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 79.48 प्रति लीटर है और डीजल की कीमत 62.37 रुपए प्रति लीटर है। वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश की हालत भी काफी खराब है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 76.77 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है और इंदौर में पेट्रोल की कीमत 76.53 रुपए प्रति लीटर है।
कच्चे तेल की कीमत और डॉलर-रुपया विनिमय दर को देखें तो ऑयल कंपनियां रिफाइनरियों से 26.65 रुपए प्रति लीटर में तेल खरीदती हैं। इसके बाद 4.05 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और वैट वसूलती है। पेट्रोल कीमतें बढ़कर 30.70 रुपए हो जाती है। फिर पेट्रोल पर 21.48 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है। टैक्स के साथ पेट्रोल की कीमत बढ़कर 51.19 रुपए हो जाती है। इसके बाद 3.23 रुपए प्रति लीटर डीलर का कमीशन होता है। कमीशन के बाद पेट्रोल का दाम बढ़कर 54.42 रुपए प्रति लीटर हो जाता है। दिल्ली में 27 फीसदी की दर से वैट लगाया जाता है जो कि 14.69 रुपए प्रति लीटर बनता है। इस हिसाब से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़कर 70.38 रुपए प्रति लीटर हो जाती है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पेट्रोल पर 163 फीसदी टैक्स वसूलती हैं।
एक समय ऐसा भी था जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 50 पैसे या 1 रुपए की भी बढ़ोत्तरी हो जाती थी, तो हंगामा हो जाता था. विपक्ष इसके खिलाफ मोर्चा निकाल लेता था. लेकिन आज कीमतें तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. दरअलस इसकी वजह है डायनैमिक प्राइसिंग. दरअसल केंद्र सरकार ने 16 जून को डायनैमिक प्राइसिंग अपनाई थी. इसके तहत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हर दिन बदलाव किया जाता है.
ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि रोज कीमतें तय करने का फायदा आम लोगों को मिलेगा. उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई कमी को तुरंत ही आम नागरिकों तक पहुंचाया जा सकेगा. लेकिन ऐसा कहीं होता नहीं दिख रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार कमी आई है, लेकिन इसका फायदा कहीं भी आम लोगों को मिलता नहीं दिख रहा है ऐसे में सरकार को याद करने की जरूरत है कि उसने जिस वादे के साथ डायनैमिक प्राइसिंग को देश में लागू किया था, वह पूरा होता नहीं दिख रहा है. ऐसा में क्या यह समझा जाए कि सरकार अपना वादा भूल गई है.
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