नई दिल्ली, 25 जुलाई 2017,
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बेहतर प्रदर्शन के दम पर तेजी से पटरी पर लौट रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की विकास दर में 2017, 2018 तक तेजी आने की उम्मीद जताई है. वहीं आईएमएफ ने 2017 और 2018 में चीन की विकास दर क्रमश: 6.7 फीसदी और 6.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
आईएमएफ ने जारी किए गए जाता आंकड़ों के मुताबिक (वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक -डब्ल्यूईओ), “भारत की विकास दर में 2017 और 2018 तक तेजी आने की उम्मीद है, जो अप्रैल, 2017 में जताए गए अनुमान के अनुकूल है.” वहीं रिपोर्ट के मुताबिक चीन द्वारा पूर्व नीतियों में दी गई ढील और आपूर्ति चैनल में सुधार के चलते वर्ष की पहली तिमाही में दमदार प्रदर्शन देखने को मिला है.
भारत में नोटबंदी से नुकसान हुआ
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “अप्रैल में जारी किए गए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में व्यक्त किए गए अनुमान के मुताबिक ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रगति है.” आईएमएफ ने भारत में पिछले साल हुई नोटबंदी और केंद्र सरकार द्वारा जीडीपी की गणना के लिए आधार वर्ष में परिवर्तन का हवाला देते हुए कहा, “मुद्रा परिवर्तन की पहल के चलते जहां आर्थिक गतिविधियों में शिथिलता आई, वहीं सरकार द्वारा अत्यधिक धन खर्च करने और आंकड़ों में परिवर्तन के कारण 2016 में भारत की विकास दर अनुमान से अधिक 7.1 फीसदी रही. और यह इस वर्ष की पहली छमाही में भी बनी हुई है.”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर अप्रैल के डब्ल्यूईओ में व्यक्त अनुमान से अधिक रहा. अत्याधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई दर नियंत्रित रही और अमूमन लक्ष्य से कमतर ही देखी गई, साथ ही ब्राजील, भारत और रूस जैसी कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भी महंगाई दर में कमी आई.”
आईएमएफ ने 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान व्यक्त किया है, जो मौजूदा आर्थिक गतिविधियों की तुलना में कहीं अधिक है.
चीन की अनुमानित विकास दर में संशोधन
आईएमएफ वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट दर्शाती है कि चीन की अर्थव्यवस्था ने वर्ष की पहली तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है और पहली तिमाही के आंकड़े आने के कुछ ही दिन बाद आईएमएफ की यह रिपोर्ट आई है. चीन ने 2017 के लिए आर्थिक विकास दर का लक्ष्य 6.5 फीसदी तय कर रखा है. ऐसे में आईएमएफ द्वारा 6.7 फीसदी का अनुमान व्यक्त करना 2016 की तुलना में चीन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्सेटफेल्ड ने चीन को बेहद अहम पुर्नसतुलन प्रक्रिया अपनाने का सुझाव भी दिया है, जो निश्चित तौर पर धीमी विकास दर को गति देगा. मौरिस ने कहा कि चीन द्वारा हाल ही में निष्क्रिय पड़े कर्जो के समाधान और समन्वयकारी वित्तीय सुधार निगरानी की दिशा में उठाए गए कदमों का भी स्वागत हुआ है.
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