20 जुलाई को आएगा राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम, कोविंद की जीत पक्की

नई दिल्ली, 17 जुलाई,

देश के 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है. नए राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने संसद में वोटिंग की. वहीं उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी वोट डाला.

संसद भवन के अलावा हर राज्य की विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ. संसद के दोनों सदनों में जहां सांसदों की वोटिंग की व्यवस्था की गई, वहीं राज्य विधानसभाओं में वहां के निर्वाचित सदस्यों ने वोट डाले. मतदान के बाद अब 20 जुलाई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग की गई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वोट डाला. संसद भवन के कमरा नंबर 62 में सांसद और केंद्रीय मंत्रियों ने लाइन में लगकर वोटिंग की.

वहीं दूसरी तरफ सभी राज्यों की विधानसभाओं में वोटिंग की गई. यूपी में सपा नेता आजम खान ने कहा कि मीरा कुमार अच्छी उम्मीदवार हैं. उनके पास एक अच्छा अतीत और एक स्पष्ट छवि है. आजम खां ने कहा मुझे विश्वास है कि सपा का वोटर क्रॉस वोटिंग नहीं करेगा और मीरा कुमार जीतेंगी. हालांकि, सपा नेता शिवपाल यादव बीजेपी उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दे रहे हैं.

768 सांसदों ने की वोटिंग

कुल 776 सांसदों में से 768 सांसदों ने वोटिंग की. संसद भवन में 714 सांसदों ने वोट किया. जबकि यहां 717 सांसदों को वोट करना था. बता दें कि सांसद की चार सीटें खाली हैं. जबकि एक सांसद छेदी पासवान पर कोर्ट केस चल रहा है जिसके चलते वो वोटिंग नहीं कर सके. उनके अलावा सांसद तापस पॉल, अंबुमणि रामदॉस और रामचंद्र हांसद ने वोट नहीं किया.

कोविंद की जीत पक्की!

बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है, जिसके अगले दिन यानी 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति पदभार ग्रहण करेंगे. सियासी समीकरणों को देखें तो इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत पक्की मानी जा रही है. राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल दोनों उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दलित समुदाय से आते हैं और उन्होंने देशभर में घूम-घूम कर विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है.

आंकड़ों की बात की जाए तो बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है, क्योंकि उन्हें एनडीए के अलावा जेडीयू और बीजू जनता दल (बीजेडी) जैसे विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है. यहां जेडीयू के पास निर्वाचक मंडल का कुल 1.91 फीसदी वोट है, जबकि बीजेडी के पास 2.99 फीसदी वोट है. इसके अलावा तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पास 2%, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का एक गुट (5.39 %) और वाईएसआर कांग्रेस (1.53%) ने भी कोविंद के पक्ष में मतदान करने की घोषणा की है.

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