डेयरी टुडे नेटवर्क,
चंडीगढ़, 28 सितंबर 2019,
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों से डेयरी उत्पादों के खुले आयात के विरोध में डेयरी सेक्टर के दिग्गजों के साथ-साथ राजनेताओं की आवाज भी उठने लगी है। एनडीडीबी और अमूल समेत कई डेयरी कंपनियों के विरोध के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पर चिंता जताई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि डेयरी उत्पादों को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के लिए होने वाली बातचीत के दायरे से बाहर रखा जाए।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि आरसीईपी के दायरे में Dairy Products को शामिल करने से डेयरी किसानों और पशुपालकों के आर्थिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में कैप्टन अमरिंदर ने डेयरी क्षेत्र में राज्य और देश की समूची आर्थिक समृद्धि के लिए के महत्व पर जोर दिया। खुले व्यापार समझौते में प्रवेश करने के लिए वार्ता में भागीदार देशों की भागीदारी से आरसीईपी के एचएसएन कोड 0401 से 0406 के तहत न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से डेयरी उत्पादों को आयात करने की अनुमति मिल जाएगी जो किसानों खासकर भूमिहीन, सीमांत और छोटे किसान जो कि पारंपरिक सहायक खेती धंधों पर निर्भर हैं, के लिए घातक साबित होगा।
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन फ्लड’ के बाद केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार की गई पहलकदमियों के स्वरूप डेयरी सेक्टर को बहुत बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय देश में 80 मिलियन से भी अधिक भारतीय ग्रामीण परिवार डेयरी व्यवसाय में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पंजाब के आर्थिक विकास में ही महत्वपूर्ण नहीं बल्कि देश के लिए पौष्टिक भोजन मुहैया करवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए किसी भी सूरत में डेयरी उत्पादों के आयात की अनुमति देना मुनासिब नहीं है।
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