दो वर्षों में दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा भारत- राधामोहन सिंह

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2017,

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में कृषि और किसानों के हित में जितना काम अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। सरकार के कदमों का ही नतीजा है कि किसान बदल रहे हैं और खेती में विविधता ला रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड एग्रीकल्चर राउंड टेबल में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गांव, गरीब और किसान के कल्याण की प्रतिबद्धता के नतीजे दिख रहे हैं। दलहन का उत्पादन इतना बढ़ गया है कि दो साल बाद देश को इसके आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार अनुबंध पर खेती को बढ़ावा देने के लिए मॉडल कानून पर भी काम कर रही है।

ई-कृषि बाजार से 455 मंडियां जोड़ी गईं-कृषि मंत्री

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने खेती के लिए आगे की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अब कोल्ड चेन पर ज्यादा जोर दे रही है। दो महीने के भीतर सरकार ने कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के बुनियादी ढांचे व आपूर्ति शृंखला के लिए 6,000 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए। ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से अब तक 455 मंडियों को जोड़ा गया है और 150 से अधिक में ऑनलाइन कारोबार शुरू हो गया है। निजी मंडी विपणन केंद्रों के लिए मॉडल एपीएमसी अधिनियम, 2017 राज्यों को भेजा गया है। ऑपरेशन फ्लड के तहत 10,000 करोड़ रुपये पुराने संयंत्रों के दुरुस्त करने और नए लगाने के लिए स्वीकृत किए गए हैं। सरकार खेतों को नियमित बिजली उपलब्ध कराने के लिए अलग से फीडर बनाएगी। दलहन खेती को बढ़ावा देने के लिए 150 बीज केंद्र बनाये हैं। कृषि मंत्री ने कहा पहली बार आलू-प्याज, दलहन की खरीद के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष का इस्तेमाल किया गया। इस समय गन्ना समेत 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होता है।

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जिन जिंसों का समर्थन मूल्य नहीं है, उनके लिए बाजार हस्तक्षेप योजना है। इसके तहत राज्यों के प्रस्ताव मिलते ही मंजूरी दे दी जाती है। अभी तिलहन की दिशा में काम चल रहा है और किसानों को मिनी किट उपलब्ध कराई जाएंगी। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और नये भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्घ है। इसके लिए बागवानी पर जोर दिया जा रहा है और सरकार कृषि पर अधिक बजट खर्च कर रही है। सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों के लिए 45 एकीकृत कृषि मॉडल विकसित किए हैं। किसानों को मोबाइल के जरिये कृषि परामर्श सेवा दी जा रही है, जिससे 4 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं।

सरकार ने किसान कल्याण के बजट बढ़ाया-राधामोहन सिंह

सिंह ने कहा हमारी सरकार पहले की सरकारों की तुलना में किसानों के कल्याण के लिए पहले मुकाबले अधिक बजट आवंटित कर रही है। सिंह हमारी सरकार से पहले के तीन वर्षो में 1.04 लाख करोड़ रुपये कृषि बजट के तौर पर आवंटित हुए थे। हमारी सरकार के तीन साल यह आवंटन करीब 58 फीसदी बढ़कर 1.64 लाख करोड़ रुपये। सबसे बड़ी बात ये है कि पहले की सरकारों के दौरान आवंंटित बजट की पूरी राशि खर्च नहीं होती थी, जबकि मौजूदा सरकार में वर्ष 2016-17 में कृषि बजट 45,035 करोड़ रुपये था, जबकि खर्च 57,503 करोड़ रुपये हुआ। सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिंचाई पर विशेष जोर दे रही है। करीब 99 सिंचाई परियोजनाएं धन के अभाव में वर्षों से लंबित थी। इन परियोजनाओं से 76 लाख हेक्टेअर भूमि सिंचित हो सकती है।

‘ग्रामीण इलाकों में बुनियादी विकास तेज हुआ’

लंबित परियोजनाओं में से 23 परियोजनाओं को राशि मिल गई है और इनके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। सिंह ने उम्मीद जताई कि मार्च 2019 तक सभी लंबित सिंचाई परियोजनाए शुरू हो जाएंगी। सिंह ने कहा सरकार सौर ऊर्जा चलित पंप सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध करा रही है। कृषि क्षेत्र में नई तक नीक का उपयोग जैसे कृषि प्रक्षेप के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी राष्ट्रीय कार्यक्रम, सूखा का पूर्वानुमान, धान के खाली खेत का रबी मौसम में बेहतर उपयोग आदि पर भी काम कर रही है। सरकार के प्रयासों से पिछले तीन साल के दौरान देश में दूध का उत्पादन 17 फीसदी, मछली पालन 20 फीसदी, अंडा उत्पादन 15 फीसदी बढ़ा है। सिंह कहा पहले बात होती थी कि हमें ये करना चाहिए। अब हमारे द्वारा अब तक किए कामों के आधार बात होने लगी है इन कामों को आगे तेजी से बढ़ाना है। ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर तेजी से काम हो रहा है। इसका फायदा भी किसानों को होगा।
(साभार-बिजनेस स्टैंडर्ड)

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