डेयरी टुडे नेटवर्क
नई दिल्ली, 4 नवंबर 2017,
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड् फूड इंडिया, 2017 के दूसरे दिन ‘फल सब्जियां, डेयरी, पोल्ट्री एवं मात्स्यिकी – विविधतापूर्ण भारतीय संभावनाओं का सदुपयोग करना’ विषय पर विज्ञान भवन में लोगों को सम्बोधित किया। श्री सिंह ने कहा है कि आजादी के बाद कृषि में ऐसी अभूतपूर्व प्रगति व बहुमुखी विकास विश्व के शायद ही किसी देश ने प्राप्त की होगी। उन्होंगे आगे कहा कि पूरा विश्व हमारी इस प्रगति का अध्ययन करने और उसे अपनाने के लिए लालायित है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आजादी के समय हम जहां 34 करोड़ जनता को खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं करा पा रहे थे, आज वही हमारे नीति निर्धारकों, किसानों, वैज्ञानिकों, खाद्य उत्पादन अधिकारियों की सूझबूझ, कड़ी मेहनत से हम एक खाद्य की कमी से जुझने वाले देषों की श्रेणी से आगे बढ़ते हुए 134 करोड़ जनता को भोजन उपलब्ध कराने के साथ खाद्यान्न का निर्यात करने वाले देश बन गया है।
श्री सिंह ने कहा कि हम विश्व के केवल दो प्रतिशत जमीन के भू-भाग से विश्व की लगभग 17 प्रतिशत मानव जनसंख्या 11.3 प्रतिशत पशुधन तथा व्यापक अनुवांशिकी धरोहर का ना केवल भरण-पोषण कर पा रहे है, बल्कि खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज हम विश्व के प्रथम दूध उत्पादक देश है, फल और सब्जी उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, मछली उत्पादन में तीसरे स्थान पर हैं तथा अंडा उत्पादन में पांचवे स्थान पर है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आजादी के समय जहां 34 करोड़ जनता को हम 130 प्रति ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से दूध की आपूर्ति कर पाते थे वहीं आज 134 करोड़ जनता 337 प्रतिग्राम प्रतिदिन के हिसाब से दूध की आपूर्ति कर पा रहे है। दूध उत्पादन में यह एक अतुलनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हम बड़ी मात्रा में कृषि जिंसों का निर्यात करते है जो कि देश के कुल निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत है।
श्री सिंह ने कहा कि नई दिल्ली में आयोजित “वर्ल्ड फूड इंडिया” एक अनोखा प्लेटफार्म है जिसमें विश्व के 70 देशों से आये प्रतिनिधि भारत की इस प्रगति को अपनी आंखों से देखकर ना केवल समझ सकेंगे बल्कि उसका आंकलन भी कर करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश की समग्र कृषि प्रगति पर विशेष बल दिया गया है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई नैम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रमुख हैं। सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का कदम उठाया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि एमआईडीएच के तहत मेगा फूड पार्कों और निर्यात संवर्धन अंचलों के क्षेत्र में प्रसंस्करण किस्मों सहित फलों और सब्जियों के सामूहिक क्षेत्र का विकास करने के लिए राज्य बागवानी मिशन, बागवानी फसलों/फार्म स्तरीय कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2016-17 में बागवानी उत्पाद का निर्यात 5.03 मिलियन एमटी था (ताजे फल और सब्जी-4.16 मिलियन एमटी, प्रसंस्कृत फल एवं सब्जी – 0.88 मिलियन एमटी, पुष्प कृषि- 33725 एमटी) और मूल्य के संदर्भ में 12 प्रतिशत की दर पर बढ़ रहा है।
1500total visits.
India make a record in world throug milk, also first in manufacturing in artficial adulterated milk in world. To stop this Government must provide a licence to dairy diploma , graduate persons as in medicine sellers to stop all miss leading milk in India.