BY नवीन अग्रवाल,
नई दिल्ली, 20 जूलाई 2017
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कृषि भवन में आयजोति कार्यक्रम में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के क्वालिटी मार्क “लोगो” को लांच किया। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, पशुधन और डेयरी विभाग के सचिव देवेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष दिलीप रथ भी मौजूद रहे। कृषि मंत्री ने इस मौके पर चयनित 14 निर्माण इकाइयों को दूध एवं दूध उत्पादों के लिए खादय सुरक्षा तथा गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को अपनाने तथा गुणवत्ता चिन्ह मापदंडों का पालन करने पर लोगों को प्रमाण पत्र भी दिया।
कृषि मंत्री ने कहा कि एनडीडीबी गुणवत्ता चिह्न “लोगो” का एक समूह ब्रांड पहचान के रूप में शुभारंभ कर रहा है। यह “लोगो” डेरी सहकारिताओं तथा उत्पादक संस्थाओं से सुरक्षित एवं गुणवत्ता दूध एवं दूध उत्पादों की पहचान है। श्री सिंह ने इस मौके पर कहा कि एनडीडीबी के गुणवत्ता चिह्न से डेरी सहकारिताओं तथा उत्पादक संस्थाओं को अति आवश्यक ब्रांड पहचान तथा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। इससे डेरी सहकारी ब्रांडों पर उपभोक्ता के विश्वास को मजबूती मिलेगी । कृषि मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य उत्पादक से उपभोक्ता तक संपूर्ण वेल्यू चेन में प्रक्रियात्मक सुधार लाना है ताकि गुणवत्ता दूध व दूध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
11 सदस्यीय समिति देगी “क्वालिटी मार्क”
कृषि मंत्री इस मौके पर बताया कि ग्यारह सदस्यीय प्रबंध समिति इस गुणवत्ता चिह्न की गतिविधियों की देखरेख करेगी। इसके सदस्यों में डीएडीएफ के प्रतिनिधि तथा विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चार महासंघों के प्रबंध निदेशक शामिल हैं । इस प्रबंध समिति में एफएसएसएआई के प्रतिनिधि तथा डेरी उद्योग के दो विशेषज्ञ भी शामिल हैं । उन्होंने कहा कि इच्छुक महासंघ, सहकारी डेरियां, शैक्षिक संस्थान, सरकारी डेरी इकाइयॉं इस लोगो के लिए आवेदन कर सकती हैं। इसमें केवल वे ही डेरी इकाइयां पात्र हैं जो दूध एवं दूध उत्पादों के लिए खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को अपनाती हैं तथा गुणवत्ता चिह्न में दिशा-निर्देशों में निर्धारित मापदंडों का पालन करती हैं। ये क्वालिटी मार्क तीन वर्षों की अवधि के लिए मान्य होगा बशर्ते कि गुणवत्ता तथा खाद्य सुरक्षा मानकों का निर्वहन तथा अनुबंध के नियम एवं शर्तों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि गुणवत्ता चिह्न प्रदान करने का अनुमोदन तीन वषों के लिए वैध है, परन्तु गुणवत्ता चिह्न के मापदंडों के अनुपालन की जांच के लिए वर्ष में एक बार निगरानी लेखा परीक्षा की जाएगी।
“क्वालिटी मार्क” के लिए 55 आवेदन मिले
आपको बता दें कि जनवरी 2016 में शुरू हुई इस पहल के समय से एनडीडीबी को देशभर की सहकारिताओं से 55 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 14 इकाइयों ने दो चरण वाली मूल्यांकन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। शेष 31 डेरियों को सुधार के क्षेत्रों के बारे में सूचित किया गया है । उन्हें सुधारात्मक उपायों के क्रियान्वयन के लिए 6-9 महीने उपलब्ध कराए गए। कृषि मंत्री ने कहा कि एनडीडीबी की इस पहल से एफएसएसएआई के प्रयासों को सहायता तथा मजबूती मिलेगी। इससे देशभर की विभिन्न डेरी इकाइयों में दिशा-निर्देश दस्तावेज में उल्लिखित गुणवत्ता उपायों को अपनाने के लिए अपेक्षित जागरूकता भी पैदा होगी।
कडी जांच के बाद मिलेगा “क्वालिटी मार्क”
इस मौक पर केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि प्रतिभागी डेयरी इकाइयों के परिचालन संबंधी मापदंडों की निगरानी एवं प्रमाणन किया जाएगा। मूल्याकंन दो चरण वाली प्रकिया है जिसमें पूर्व मूल्याकन एवं अंतिम मूल्याकन शामिल है। पूर्व-मूल्यांकन व्यापक तौर पर गांव स्तरीय संकलन तथा प्रसंस्करण बुनियादी ढ़ांचे की उपलब्धता, जनशक्ति प्रशिक्षण तथा खुदरा बिक्री को कवर करता है । अंतिम मूल्यांकन के लिए केवल उन्हीं इकाइयोंपर विचार किया जाता है जो प्राथमिक मूल्यांकन में 70% से अधिक अंक प्राप्त करती हैं। यह मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जाता है जिसमें एक बाहरी विशेषज्ञ होता है। अंतिम मूल्यांकन महत्वपूर्ण तथा प्रमुख मापदंडों के लिए किया जाता है जो पॉश्चुुराइज्ड दूध एवं दूध उत्पादों की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं
821total visits.