डेयरी टुडे नेटवर्क.
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2017,
भारतीय जनता पार्टी ने किसानों की नाराजगी का ठीकरा नौकरशाही के सिर पर फोड़ने की तैयारी कर ली है। भाजपा किसान मोर्चा की बैठक में अपने दिल के उदगार प्रकट करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि अधिकारियों के भरोसे सरकार के कामकाज को जमीन पर नहीं उतारा जा सकता है। किसान मोर्चा के नेताओं से उन्होंने गुहार लगाई है कि वे कार्यकर्ताओं के जरिए कृषि मंत्रालय की उपलब्धियों को जमीन पर उतारने में भूमिका निभाएं। दरअसल मिशन 2019 और किसानों के बीच सरकार की बन रही नकारात्मक छवि को ध्यान में रखते हुए भाजपा मुख्यालय पर किसान नेताओं की एक अहम बैठक थी।
इस बैठक में पार्टी ने देशभर से 50 हजार से ज्यादा किसान कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण देने का रोडमैप बनाया गया है। किसान नेताओं को विशेष प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें किसानों के बीच संपर्क के कार्य में निचले स्तर पर जुटाया जाएगा।
पार्टी मुख्यालय में हुई इस अहम बैठक में सरकार की ओर से राधा मोहन सिंह और कृषि राज्य मंत्री कृष्णा राज शामिल हुईं। वहीं पार्टी की ओर से राष्ट्रीय महासचिव एवं मोर्चा प्रभारी मुरली धर राव और किसान मोर्चा अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह मस्त शामिल थे। इसके अलावा बिहार, झारखंड और हरियाणा के कृषि मंत्री भी बैठक में शामिल हुए।
भाजपा ने तय किया है कि वह मोदी सरकार के जरिए किए गए अहम कार्यों के अलावा खेती के धार्मिक एवं अध्यात्मिक महत्व को भी देश के किसानों के बीच रखेगी। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के जरिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कार्यकर्ता किसानों के बीच जाकर उन्हें कृषि का इतिहास बताने के साथ इसके धार्मिक और आध्यात्मिक पहलू को भी समझाएंगे। पार्टी के किसान कार्यकर्ताओं को विशेष ट्रेनिंग देने के लिए भाजपा ने जो पाठ्यक्रम बनाया है उसमें कृषि के आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व को प्रमुखता में रखा गया है। इसके अलावा प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में खेती का इतिहास, कृषि की वर्तमान स्थिति और कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र एवं भाजपा शासित राज्यों की उपलब्धियां शामिल हैं। दूसरी ओर पार्टी कार्यकर्ता किसानों के हित में केंद्र सरकार के जरिए किए जा सकने योग्य कार्यों के लिए भी किसानों से राय मांगेगे।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव मुरली धर राव ने किसान नेताओं को विशेष प्रशिक्षण का खाका पेश करते हुए कहा कि पार्टी का प्रशिक्षण अभियान मंडल स्तर तक जारी है, लेकिन किसान नेताओं के अभियान को विधानसभा स्तर तक ही उतारा जाएगा। उन्होंने 50 हजार किसान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का रोडमैप रखते हुए कहा कि यह विशेष प्रशिक्षण अभियान दिपावली के बाद शुरू होगा।
(साभार-अमर उजाला)
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