छत्तीसगढ़ : गौशालाओें में गायों की मौत की होगी न्यायिक जांच

रायपुर, 29 अगस्त 2017,(भाषा),

छत्तीसगढ़ के गौशालाओं में दो सौ से अधिक गायों की मौत के बाद राज्य शासन ने इस मामले की न्यायिक जांच का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने 16 अगस्त को दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के राजपुर गांव की शगुन गौशाला और 18 अगस्त को बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के गोडर्मा गांव की फूलचंद गौशाला और रानो गांव की मयूरी गौशाला में पशुओं की आकस्मिक मृत्यु की न्यायिक जांच का निर्णय किया है।

आधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज न्यायिक जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। विधि विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव विधि और सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए. के. सामंत रे इस मामले की जांच करेंगे। जांच आयोग इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन माह के भीतर राज्य शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने दुर्ग और बेमेतरा जिलों की तीन गौशालाओं में अधिक संख्या में गायों की मृत्यु के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के तत्कालीन पंजीयक और वर्तमान में राज्य स्तरीय पशु चिकित्सालय रायपुर के उपसंचालक शंकर लाल उईके को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उइके पर कार्य के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप है। पशुधन विकास विभाग द्वारा उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया गया है।

बड़ी संख्या में गायों की मृत्यु के मामले में इससे पहले राज्य में नौ अधिकारियों को निलंबित किया गया था। वहीं पशुधन विकास विभाग ने विभाग के संयुक्त संचालक एस. के. पाणिग्रही, सचिव छाीसगढ़ राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड और आर. जी. देवरस पशु चिकित्सा सहायक शल्यग्य राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड रायपुर को छाीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अतिरिक्त प्रभारों से हटा दिया है। पाणिग्रही को गौसेवा आयोग के सचिव पद के अतिरिक्त प्रभार से और आर.जी. देवरस को गौसेवा आयोग के पंजीयक पद के अतिरिक्त पद से हटाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के चार अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है। उन्होंने बताया कि छह मई वर्ष 2016 को इन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई थी। इनमें भाटापारा के रमेश यदु, लोरमी के धनीराम यादव, राजनांदगांव के दीनदयाल यादव और अम्बिकापुर के सेवा राम अग्रवाल शामिल हैं। इन सदस्यों की नियुक्ति निरस्त करने के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि दुर्ग और बेमेतरा जिले की तीन गौशालाओं में अधिक संख्या में गायों की मृत्यु के परिप्रेक्ष्य में गौशालाओं का समुचित प्रबंधन नहीं होना पाया गया। इस स्थिति में इन चारों अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई है।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बेमेतरा जिले में स्थित गौशालाओ में दो सौ से अधिक गायों की मृत्यु हुई है। इस मामले में पुलिस ने भाजपा नेता हरीश वर्मा समेत पांच लोगों को गिरफतार कर लिया है। वहीं कई अन्य फरार हैं। राज्य सरकार ने इस घटना के बाद गौशालाओं की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया है। इस उप समिति में कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल को शामिल किया गया है।

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