डेयरी टुडे नेटवर्क,
फैजाबाद/लखनऊ,8 मार्च 2021,
दुग्ध उत्पादन और डेयरी के बिजनेस में पुरुष ही नहीं महिला किसान भी आगे बढ़ कर काम कर रही हैं। डेयरी के सुल्तान में आज हम उत्तर प्रदेश की एक ऐसी महिला डेयरी किसान की सफलता की कहानी बता रहे हैं जिसने अपने दम पर ना सिर्फ दुग्ध उत्पादन में मुकाम बनाया बल्कि सरकार से कई पुरस्कार भी हासिल किए। फैजाबाद की राजपति यादव की कहानी उन डेयरी किसानों के लिए प्रेरणा देने वाली है जो समझते हैं इस बिजनेस में कमाई नहीं है।
फैजाबाद के मिल्कीपुर ब्लाक के धमधुआ गांव की 47 वर्षीय महिला डेयरी किसान राजपति यादव ने 2005 में एक भैंस से डेयरी का व्यवसाय शुरू किया था। तभी से लगातार राजपति यादव तरक्की करती रहीं हैं और आज उनकी एक एकड़ में फैली डेयरी में 70 से भी ज्यादा पशु हैं, जिनसे औसतन रोजाना 300 लीटर दूध का उत्पादन होता है। राजपति यादव का कहना है कि शुरुआत में उन्हें डेयरी स्थापति करने में काफी अड़चनें आईं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्हें इस काम में अपने पति नरेंद्र बहादुर यादव और दूसरे परिजनों का भी पूरा सहयोग मिला। नरेंद्र बहादुर यादव ने बताया कि वो दूध को केंद्र तक ले जाने, उसका हिसाब रखने, पशुओं का चारा लाने, पशुओं की खरीद-फरोख्त करने जैसे काम करते हैं। लेकिन पशुओं को दुहने और उनकी देखभाल का पूरा काम उनकी पत्नी ही करती है। परिजनों के सहयोग और अपने हौसले की वजह से आज राजपति यादव उत्तर प्रदेश की टॉप की दुग्ध उत्पादक किसान हैं।
राजपति यादव के मुताबिक आज उनके पास 36 गाय और करीब इतनी हीं भैसें हैं। उन्होंने कहा कि गाय के दूध की कीमत ज्यादा मिलती है और उनका रखरखाव भी काफी आसान है। राजपति यादव की सफलता उनके गांव वालों के लिए प्रेरण बन चुकी है। और यही वजह है कि आज उनके गांव के हर घर में पांच से छह पशु हैं। दुग्ध उत्पादन की वजह से गांववालों की आर्थिक स्थित अच्छी हुई है और अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दे पा रहे हैं। राजपति यादव ने अपने अनुभव से लोगों को रूबरू कराने के लिए एक दूग्ध ज्ञान केंद्र खोला है। इसके जरिए वो अपने गांव ही नहीं बल्कि दूसरे गांव के पशुपालकों को भी दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, पशुओं की देखबाल, टीकाकरण, पशु चारा, दूध की स्वच्छता और फैट बढ़ाने के गुर सिखा रही हैं। राजपति यादव ने बताया कि उन्हें देख कर गांव की कई और महिलाएं भी दुग्ध उत्पादन में आगे आई हैं और परिवार का सहारा बन रही हां।
राजपति यादव आज अपने गांव ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजपति को वर्ष 2015-16 में प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन के लिए प्रथम गोकुल पुरस्कार से सम्मानित किया है। प्रदेश में दुग्ध विकास विभाग की ओर से प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले दूध उत्पादकों को प्रोत्साहन देने के लिए हर वर्ष गोकुल पुरस्कार दिया जाता है। राजपति यादव को इससे पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
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Aapki lagan or mahentko salam
Aap ko mera salam.aap hamari prerana k sarot h.