डेयरी टुडे नेटवर्क,
मथुरा, 27 सितंबर 20178,
उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के दीक्षा समारोह में राज्यपाल रामनाईक ने महिलाओं और किसानों के विकास पर जोर दिया। किसानों को दूध उत्पादन पंजाब का मुकाबला करने की सलाह दी।
राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में प्रतिभा दिखा रही हैं। महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो देश प्रगति करेगा। महिलाएं पुलिस, सेना में भर्ती हो रही हैं। वेटरिनरी विवि में भी हर कोर्स में छात्राएं पढ़ रही हैं। समारोह में भी तीस फीसद छात्राओं को उपाधि मिली हैं, यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2022 तक किसानों की आय दुगना करने का सपना है। यह उनका संकल्प भी है। इस दिशा में सभी को कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि डिग्री पाने वाले और शोध छात्रों को भी इस क्षेत्र में योगदान देना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि पंजाब और उप्र में गाय दूध की पैदावार में भी काफी अंतर है, जिसे बराबर करना होगा। उप्र देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, यूपी तरक्की करेगा, तो देश तरक्की करेगा।
मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ. आरएस परौंदा ने कहा कि अभी देश में 900 पशुओं के इलाज को लिए एक पशु चिकित्सक है, कॉलेजों में सीट बढ़ानी होंगी। हमें स्किल डेवलपमेंट की जरूरत है। वेटरिनरी विवि के कुलपति डॉ. केएमएल पाठक ने विवि की प्रगति पर प्रकाश डाला। कहा, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संचालन कुलसचिव पीके शुक्ला ने किया। इस दौरान डॉ. बीआर अंबेडकर विवि के कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित, राज्यमंत्री पशुपालन, लघु ¨सचाई एवं मत्स्य विभाग जयप्रकाश निषाद, विधायक द्वय का¨रदा ¨सह, पूरन प्रकाश, डीएम अर¨वद मलप्पा बंगारी, एसएसपी स्वप्लिन ममगाई, दीनदयाल धाम के निदेशक राजेंद्र ¨सह, मुकेश खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।
वेटरिनरी विवि के दीक्षा समारोह में कुल 91 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गईं। इसमें बीवीएसस एंड एएच के 42, एमवीएससी के 26, पीएचडी के चार छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गई। बीएससी बायोटेक के 20 छात्र-छात्राओं को पहली बार उपाधि मिली। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को तीन गोल्ड, दो सिल्वर, एक कांस्य, आईएसवीपीटी स्वर्ण पदक एक, पंडित जानकीनाथ मदन स्मृति बेस्ट क्नीनिशियन स्वर्ण पदक, दो कुलपति पदक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा को मानद उपाधि दी गई। समारोह में भारतीय संस्कृति जीवंत हो उठी। अतिथि, शिक्षक, छात्र धोती-कुर्ता, जैकेट पहनकर आए, तो छात्राएं साड़ी पहनकर आईं। समारोह पूरी तरह भारतीय संस्कृति में रंगा था। उपाधि और मेडल मिलने के बाद तो छात्रों की खुशी सातवें आसमान पर थी। विवि के लिए भी यह क्षण यादगार थे।
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