रांची। 11 जुलाई 2017,
केंद्रीय गोकुल मिशन योजना से संबंधित चार राज्यों की क्षेत्रीय समीक्षा गुरुवार को हुई. होली डे होम, कांके रोड में आयोजित इस समीक्षा बैठक में झारखंड, बिहार, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों में राष्ट्रीय गोकुल मिशन की उपलब्धियों की जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी.
उक्त कार्यक्रम की उपलब्धि के संदर्भ में बेहतर व बदतर जिलों के बारे में भी बताया. केंद्रीय कृषि, पशुपालन, डेयरी व मत्स्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र झारखंड में दुधारू पशुअों का भ्रूण हस्तांतरण केंद्र स्थापित करना चाहता है. इसके लिए अगर राज्य सरकार जमीन चिह्नित करे, तो केंद्र स्थापना में हम मदद करेंगे. भ्रूण हस्तांतरण की तकनीक के जरिये किसान अपने बेहतर सांड से सबसे बेहतर गाय या भैंस का स्वस्थ बछड़ा पा सकते हैं. इस तकनीक के जरिये डोनर गाय का भ्रूण दूसरी गाय में हस्तांतरित किया जाता है.
संयुक्त सचिव ने यह भी सलाह दी कि गोरियाकरमा (हजारीबाग) तथा होटवार (रांची) में गोकुल ग्राम बनाया जाये. उन्होंने किसानों को मिशन के प्रति जागरूक करने की बात भी कही. मंत्रालय के सहायक आयुक्त भूषण त्यागी ने देश भर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के क्रियान्वयन व इसकी उपलब्धियों के बारे बताया. झारखंड की कृषि, पशुपालन व सहकारिता सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि गोकुल मिशन की योजना देसी नस्ल के पशुअों के संवर्द्धन व संरक्षण से जुड़ी है. झारखंड में करीब 1500 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र हैं.
इनमें से करीब 1100 गैर सरकारी संस्था बैफ से तथा शेष चार सौ विभाग के तहत संचालित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य अपने बजट से करीब 2900 केंद्र अौर खोलेगा. इसके अलावा बकरी पालन, सुकर पालन तथा मुरगी पालन की योजना ग्रामीण विकास विभाग के तहत झारखंड राज्य आजीविका सोसाइटी के सखी मंडलों के जरिये कार्यान्वित हो रही है. पशुपालन विभाग ने इन सबके लिए करीब 103 करोड़ रुपये सोसाइटी को उपलब्ध कराये हैं. समीक्षा बैठक में विभिन्न राज्यों के पशुपालन व डेयरी से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे.
687total visits.