डेयरी टुडे डेस्क,
चंडीगढ़, 5 सितंबर 2017,
रेप केस में राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है. वह रोहतक जेल में बंद है. लेकिन सोशल मीडिया और कुछ न्यूज चैनलों द्वारा इस बात का संदेह जताया जा रहा है कि सलाखों के पीछे असली राम रहीम नहीं, बल्कि उसका हमशक्ल है. हरियाणा पुलिस अब इस जांच में जुटी है कि जेल में बंद राम रहीम असली है या हनीप्रीत के साथ फरार हो गया है.
वहीं, राम रहीम ने जेल प्रशासन को 10 लोगों की लिस्ट सौंपी है, जो उससे मिलने के लिए आएंगे. इस लिस्ट में राम रहीम ने अपनी सबसे करीबी और कथित दत्तक पुत्री हनीप्रीत का नाम सबसे पहले लिखा है. इसके बाद अपनी दोनों बेटी-दामाद, बेटा-बहू और कुछ डेरा सेवादारों का नाम दिया है. उसने हनीप्रीत से बात करने के लिए उसका मोबाइल नंबर भी दिया है.
उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के 117 ‘नाम चर्चा घरों’ की तलाशी और जांच के दौरान कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है. गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय से 33 काफी खतरनाक हथियार बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि इनको देखकर पुलिस अफसरों के भी हाथ-पांव फूल गए.
खट्टर ने बताया कि डेरा अधिकारियों ने राज्य सरकार को हथियार सौंप दिए हैं. राज्य सरकार के साथ सहयोग भी कर रहे हैं. यदि यह उचित तरीके से चल रहा है तो अच्छा है. इस संबंध में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किस तरह के हथियार या सामग्री बरामद हुई हैं. फिलहाल डेरों की तलाशी का अभियान जारी है.
सिरसा में स्थित छोटा डेरा वर्ष 1948 में शाह मस्ताना जी द्वारा स्थापित किया गया था. उस दौर में छोटे डेरा में 2 कमरे हुआ करते थे. इसमें से एक में स्वयं शाह मस्ताना जी रहते थे. इन कमरों को नीचे अंडरग्राउंड हिस्से को जीवन के अनुकूल बनाया गया था. उस समय एसी की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए इन कमरों में गर्मियों में ठंडक और सर्दियों में गर्मी रहती थी.
शाह मस्ताना जी के सेवादार उस दौर में उस कमरे को गुफा कहते थे. इसके पीछे उनका तर्क था कि बाबाजी गुफा में एकांत में साधना में लीन रहते हैं. इसी गुफा शब्द की परंपरा गुरमीत राम रहीम के दौर तक भी प्रचलित है. बताया जाता है कि शाह मस्ताना जी के वक्त में डेरा के पास कुल 5 एकड़ जमीन थी, जो अब बढ़कर 1093 एकड़ हो चुकी है.
साल 1960 में सिरसा के ही गांव जलालआना के रहने वाले सरदार हरबंस सिंह को शाह मस्ताना जी ने नया नाम शाह सतनाम दे कर गद्दी पर बिठाया. इस गद्दी को संभालने वाले संत शाह सतनाम जी ने डेरा की परंपराओं को आगे बढ़ाया. वे भी इसी छोटे डेरे में आवास करते थे. 23 सितंबर 1990 में शाह सतनाम जी ने गुरमीत राम रहीम को अपनी गद्दी सौंप दी.
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024, दिल्ली-एनसीआर के बाजार में कर्नाटक…
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024, कर्नाटक का नंदिनी मिल्क ब्रांड…
डेयरी टुडे नेटवर्क, चंडीगढ़, 19 नवंबर 2024 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य में डेयरी…
डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 6 नवंबर 2024, आज हम आपको अहमदाबाद के रहने वाले…
डेयरी टुडे नेटवर्क, करनाल, 5 नवंबर 2024, हरियाणा के करनाल के प्रगतिशील डेयरी किसान गुरमेश…
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली/लखनऊ, 26 अक्टूबर 2024 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी…