डेयरी टुडे नेटवर्क,
अलवर (राजस्थान), 16 मई 2020,
ग्रामीण परिवेश की दुग्ध उत्पादक महिलाओं द्वार गठित एवं संचालित सखी महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (Sakhi Mahils Milk Producer Company Limited) ने आज कंपनी का पहला दुग्ध उत्पाद (Dairy Product) “सखी घी” (Sakhi Ghee) लॉन्च किया। इसके साथ ही सखी कंपनी ने आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। सखी घी की लॉन्चिंग कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) धर्मेंद्र कुमार एवं चेयरमैन श्रीमती मनजीत कौर ने की। कोविड -19 महामारी के चलते केंद्र सरकार द्वारा जारी एड्वाइजरी के तहत लॉन्चिंग समारोह को पूरी तरह से ऑनलाइ किया गया था। इस समारोह में मुख्य अथिति एनडीडीबी डेयरी सर्विसेस के मैनेजिंग डायरेक्टर डा. ओमवीर सिंह, विशिष्ठ अथिति टाटा ट्रस्ट के निदेशक अरुण पांधी और सखी कंपनी का निदेशक मंडल उपस्थित रहा।
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इस अवसर पर सखी कम्पनी की चेयरमैन श्रीमती मनजीत कौर ने बताया कि हमारी बहुत सी बहनें अपने पशुओं दवारा उत्पादित दूध का घर पर ही घी तैयार करती हैं, जो कि घाटे का सौदा है। क्योंकि दूध से तैयार घी मे एक तो बहुत समय लगता और खर्च भी अधिक होता है। इसके साथ ही घर पर घी बनाने के बाद बची हुई छाछ का कोई खास उपयोग नहीं रहता है। ऐसे में बहुत से परिवार छाछ को या तो पशुओं को पिला देते हैं, या फिर फेंक देते हैं। जबकि कंपनी में घी बनाने से खर्च कम आता है और छाछ भी बर्बाद नहीं होती है। एक लीटर सखी घी 465 रुपये में मिलेगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डा. ओमवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान हालात में बाजार में दूध की खपत कम होने के कारण दुग्ध उत्पादकों को दूध की सही कीमत नहीं मिल पा रही है। इन विपरीत परिस्थितियों को सखी कंपनी ने अवसर के रूप में चुना और सखी घी के रूप में डेयरी प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च किया है। सखी कंपनी के इस कदम से न सिर्फ महिलाओं आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनेंगे, बल्कि लोगों को भी उच्च क्वालिटी का शुद्ध घी खाने को मिलेगा। समारोह के विशिष्ट अतिथि अरुण पांधी ने विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के चलते सखी कंपनी को सरकारी एड्वाइजरी का पालन करते हुए निरन्तर आगे बढने के लिए मार्गदर्शन किया और कंपनी के उज्ज्वल कामना की।
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इस अवसर पर सखी कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कंपनी 21,000 दुग्ध उत्पादक महिला सदस्यों के साथ प्रतिदिन 300 गांवों से 80 हजार लीटर दूध का संकलन कर रही है। सखी कंपनी ने पिछले साल लगभग 135 करोड रुपये का कारोबार किया था। सखी कंपनी को पिछले साल Best Dairy Startup award और Best FPO Award (Governance Mechanism- North Region) मिला था। उन्होंने बताया कि सखी अपने सदस्यों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई तरह की सेवाएं भी उपलब्ध कराती है। जिसमें ए.आई., राशन बैलेंसिग कार्यक्रम, साईलेज प्रदर्शन , हरा चारा बीज वितरण पशु बांझपन निवारण शिविर मुख्य हैं।
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Shakhi dery logo ko pagal banati hai very bed dery
ये जिसको गांव मैं डेरी देते है उनके साथ मिलकर बहुत बड़ा घोटाला करते है राजस्थान मैं कोइ सखी डेरी पर दूध ना दे
पब्लिक के साथ धोखा धडी करती है सखी डेरी मेरे साथ भी बहुत बड़ा धोखा किया है सारे दूध के पैसा खा गई
most crap company
सखी महिला डैरी का मुख्य कार्यपालक यदि महिला ही होती तो अति उत्तम होता ।घर में घी बनाने में छाछ बर्बाद होता है पर डैरी प्लांट में बनाने मै बर्बाद नहीं होता है ये बात समझ में नहीं आया
best of Sakhi Deyri