Success Story : डेयरी फार्मिंग और खेती के नए तरीकों से सुरेंद्र अवाना कर रहे देश के किसानों का मार्गदर्शन, हर साल ₹ 50 लाख से ज्यादा की कमाई

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2024

डेयरी के सुल्तान श्रृंखला में आज हम आपको ऐसे किसान की कहानी बताएंगे, जिन्होंने अपनी सोच और कड़ी मेहनत की बदौलत इस धारणा को गलत साबित किया की खेती से अच्छा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना की, जो जयपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर भैराणा गांव, पंचायत बिचून, जिला दूदू के रहने वाले हैं।सुरेंद्र अवाना अपने गांव में IFS मॉडल यानी इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से जैविक खेती लगभग 55 एकड़ खेत में करते हैं। प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना विगत 40 वर्षों से सभी तरह की प्राकृतिक कृषि एवं पशुपालन, बागवानी, औषधीय फसलों की खेती और नर्सरी तैयार आदि करने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा, सुरेन्द्र अवाना गोबर से ईट, गमले, दीपक, लकड़ी और पेंट आदि बनाने का भी काम करते हैं।

इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से उगा रहे कई फसलें
प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से लगभग सभी तरह की फसलों की खेती कर रहे हैं। इनके खेत में 42 किस्मों के फल लगे हुए हैं। इसके अलावा ये लगभग सभी तरह की सब्जियों की खेती करते हैं। वहीं, इनके डेयरी फार्म में 300 गिर नस्ल की गायें हैं। पांच ऊंट हैं और दो घोड़े भी हैं। 100 बकरी, 50 भेड़ आदि भी इनके पास हैं।

सुरेंद्र अवाना जो भी उत्पादन करते हैं, उसकी प्रोसेसिंग करके खेती और पशुपालन को उद्योग का दर्जा दे रहे हैं। इस काम को करते हुए सुरेंद्र अवाना को 7 साल हो चुके हैं। किसान सुरेंद्र अवाना के पास अलग-अलग कई ब्रांड हैं, जिसके अंतर्गत ये अपने सभी उत्पादों को बेचते हैं। उन्होंने एक एफपीओ भी बना रखा है जिसका नाम जैविक गांव फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन है।

सरकारी योजनाओं का मिला लाभ
सुरेंद्र अवाना ने बताया कि पहले उन्हें सरकार की सब्सिडी के बारे में अधिक नहीं पता था, लेकिन कुछ महीनों के बाद कुछ अधिकारी उनके फॉर्म पर आए और सरकारी की सब्सिडी के बारे में जानकारी दी और इसे अपने बिजनेस में अपनाने के लिए भी कहा। इसके बाद से ही उन्होंने अपने खेत व फॉर्म में सरकार की स्कीमों का लाभ उठाना शुरू कर दिया।

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना ने बताया कि खेती और डेयरी फार्मिंग में नवाचार के चलते मुझे कई राज्यस्तरीय और एक राष्ट्रीय अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, मौजूदा वक्त में जैविक तरीके से खेती करने के लिए उन्हें कई अवार्ड मुझे मिल चुके हैं। बता दें कि सुरेंद्र अवाना को गोपाल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है। प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना, राजस्थान के इकलौते ऐसे फार्मर हैं जिन्हें राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के साथ ही सरकार की ओर से उन्हें पांच लाख रुपये प्राप्त हुए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार की हाल ही में शुरू की गई राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में भी उन्हें शामिल किया गया है। सरकार की इस योजना में चार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट हैं, जिसमें दो करोड़ रुपये की सब्सिडी है।

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना को कृषि क्षेत्र में नवाचार के लिए अब तक ये पुरस्कार मिल चुके हैं-
• भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा IARI-फेलो फार्मर अवार्ड 2023
• भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार / जगजीवन राम इनोवेटिव फार्मर अवार्ड 2021
• मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड 2021 भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान द्वारा नवोन्मेषी कृषक पुरुस्कार-2021
• भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् द्वारा राष्ट्रीय हलधर ऑर्गेनिक अवार्ड 2019
• केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान द्वारा कृषक प्रोत्साहन पुरस्कार 2021
• भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसन्धान संस्थान झांसी द्वारा प्रगतिशील कृषक सम्मान 2020 व 2022
• राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो करनाल द्वारा नस्ल सुधार हेतु प्रशस्ति प्रमाण पत्र 2020
• मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत राजस्थान सरकार द्वारा राज्य स्तरीय पशुपालक प्रथम पुरस्कार-2023
• राजस्थान के राज्यपाल द्वारा गौ आधारित एवं एकीकृत कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कार्य करने पर 2019 में सम्मानित
• कृषि विभाग की आत्मा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 के लिए मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्तरीय प्रथम पुरुस्कार
• राजस्थान सरकार द्वारा जैविक खेती का प्रथम पुरस्कार 2021

उक्त के अलावा भी उन्हें कई राज्य स्तरीय संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया है। वहीं, प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना ने इस बार पद्मश्री अवार्ड के लिए भी आवेदन किया है।

उपज की डायरेक्ट मार्केटिंग से हो रहा फायदा
प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना ने बताया कि वह अपनी उपज को मंडियों में नहीं बेचते हैं, बल्कि इसकी डायरेक्ट मार्केटिंग करते हैं। उन्होंने बताया उनके फॉर्म की एक खासियत यह भी है कि उनके यहां 24 तरह का बहुवर्षीय चारा है, जैसे- अजोला, सहजन, एलोवेरा, केक्ट्स, नीम, अरडू, सूबबूल, पिलकन, शहतूत, खेजड़ी, थारशोभा खेजड़ी, झिन्झवां, ढैंचा, हेजलूसन, पकडू, गिन्नी ग्रास, केन आस्ट्रेलिया, CO-4, CO-5, CO-6, रिजिका, मख्खन ग्रास आदि। वह अपनी गायों को हरा चारा खिलाते हैं, जिससे दूध की क्वालिटी बहुत अच्छी हो जाती है। जो भी लोग उनके फॉर्म पर विजिट करते हैं, वह उनके यहां का दूध और अन्य उत्पादों को जरूर खरीदते हैं।

सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी
अगर लागत और मुनाफे की बात करें, तो प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना के अनुसार, कुल मिलाकर प्रति माह लागत 10 से 12 लाख रुपये आ जाती है। वहीं हर महीने 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता है। इस तरह से प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं। अवाना उन किसानों में शामिल हैं जो नवाचार से प्रदेश के अलावा, देशभर के किसानों को नई राह दिखा रहे हैं।

(साभार- कृषि जागरण)

410total visits.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय खबरें