देसी नस्ल की गायों का वजूद बचाने को आगे आया सुप्रीम कोर्ट, केंद्र समेत सभी राज्यों को जारी किया नोटिस

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2019,

देश में विदेशी सांडों के आयात और क्रॉस-ब्रीडिंग के चलते देसी गायों के वजूद पर खतरा उत्पन्न हो गया है। आज देश में ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि देसी गायों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में विदेशी सांडों के आयात पर रोक लगाने और अनाधिकृत बूचड़खानों को तत्काल बंद किए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


सप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। याचिका में मांग की गई है कि विदेशी सांडों के आयात पर रोक लगे और साथ ही यहां मौजूद विदेशी सांडों की नसबंदी करायी जाए। याचिका के अनुसार, गायों की अवैध बूचड़खानों में हत्या से पर्यावरण, भूमि और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि मताला चंद्रपति राव नामक एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में उक्त याचिका दाखिल की है। याचिका में देसी गायों के संरक्षण की मांग की गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और विभिन्न जैव विविधता बोर्ड समेत 90 को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि भारतीय गायें, जो कि पिछले 35,000 सालों से यहां हैं, वह दिन प्रतिदिन क्रॉस ब्रीडिंग और अवैध बूचड़खानों के चलते यहां से समाप्त हो रही हैं

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One thought on “देसी नस्ल की गायों का वजूद बचाने को आगे आया सुप्रीम कोर्ट, केंद्र समेत सभी राज्यों को जारी किया नोटिस”

  1. ये याचिका लगाने वाले देसी गाय का बीजनास करवा के मानेंगे भारत से।
    किसी पशु को आप बलपूर्वक किसान से नही पलवा सकते कोई पशु पालक इस मे पार्टी नही है जो अपना पक्ष रखे।
    देसी गाय 2 किलो दूध रोजाना देती है नाकारा हो जाए तो कोन रखे ये कोर्ट तो दूध वाली को भी नही रख सकता
    लोगों ने देसी गाय पालनी छोड़ दी हैं भैस का रुझान बढ़ रहा है।

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