‘गोरक्षा के चक्कर में पशुधन ही किसानों का दुश्मन हो गया है’
18 अगस्त 2017, ग्राउंड रिपोर्ट: अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.पढ़िए thewirehindi.com में छपी कृष्णकांत की रिपोर्ट राजपाल सिंह रोज़ की तरह उस दिन भी रात में अपने घर के दरवाजे .....