जानिए कहां कोरोना संकट की आड़ में भ्रष्टाचार के खेल में जुटी हैं कॉपरेटिव डेयरियां!

डेयरी टुडे नेटवर्क,
जयपुर, 1 अप्रैल 2020,

कोरोना संकट से निपटने में जहां एक ओर तमाम लोग अपनी तरफ से योगदान दे रहे हैं, पीड़ितों को मदद पहुंचा रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो इसकी आड़ में लूट-खसोट के खेल में जुट गए हैं। राजस्थान की कुछ सहकारी डेयरियों यानि Co-operative dairies में कोरोना की आड़ में जमकर भ्रष्टाचार रहा है। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के इस पूरे खेल डेयरी के बड़े से लेकर छोटे अधिकारी संलिप्त हैं।

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दुग्ध उत्पादकों से कम कीमत पर दूध का कलेक्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दूध की ज्यादा आवक का हवाला देकर दूध ठेकेदार और निजी डेयरियां दुग्ध उत्पादकों से सस्ते दामों पर दूध एकत्रित रही हैं और फिर यही सस्ता दूध सहकारी डेयरियों को दुग्ध समितियों के नाम से महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। सहकारी डेयरियों में दुग्ध समितियों के जरिए ही दूध खरीदा जाता है, लेकिन डेयरी अधिकारियों की मिलीभगत से प्राइवेट डेयरियों से दूध खरीदा जा रहा है। इस खेल में सरस की दुग्ध समितियों के नाम से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक बीकानेर, कोटा और हनुमानगढ़ जिलों में बड़े पैमाने पर इस तरह की धांधली चल रही है। कुछ अन्य जिलों में भी इस तरह के फर्जीवाड़े की खबरें हैं।

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कुछ जिलों में बढ़ गया दूध संकलन

कोरोना के प्रकोप के बाद जहां अधिकांश जिला दुग्ध संघों में दूध का संकलन कम हो गया है वहीं कुछ चुनिंदा जिलों में दूध का संकलन बढ़ गया है। ये सहकारी डेयरियां प्राइवेट डेयरियों से दूध खरीद रही हैं। बीकानेर संघ की ही बात करें तो यहां कोरोना के प्रकोप से पहले करीब 70 हजार लीटर दूध रोज संकलित हो रहा था जबकि अब एक लाख लीटर से ज्यादा दूध खरीदा जा रहा है। इस धांधली के जरिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के मद का भी दुरुपयोग हो रहा है।

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आरसीडीएफ बोला इसका पता करवाएंगे

गौरतलब है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत पशुपालक को दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर का अनुदान दिया जाता है। लेकिन इस तरह मिलीभगत कर डेयरियां ये पैसा अपनी जेब में डाल रही हैं। डेयरी के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इस खेल की जानकारी आरसीडीएफ के शीर्ष प्रबंधन तक पहुंच चुकी है और धांधली की जांच बिठाई जा सकती है। वहीं आरसीडीएफ के एमडी कन्हैयालाल स्वामी ने इससे इंकार करते हुए कहा है कि यदि इस तरह से धांधली हो रही है तो पता करवा लिया जाएगा।

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One thought on “जानिए कहां कोरोना संकट की आड़ में भ्रष्टाचार के खेल में जुटी हैं कॉपरेटिव डेयरियां!”

  1. श्रीगंगानगर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड हनुमानगढ़ जंक्शन में कार्यरत एमडी पीके गोयल 4 वर्षों से इसी संघ में डटे हुए हैं यह संघ पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है करोड़ों रुपए का इसमें भ्रष्टाचार हुआ है बार-बार शिकायत करने पर भी इस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही इस अधिकारी के ऊपर तक मंत्रियों की पूंछ होने के कारण कोई अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहा मैं आपसे यह आशा करता हूं कि इस अधिकारी पर कार्यवाही कर हम दूध उत्पादकों को लाभ पहुंचाया जाए ताकि इस क्रोना जैसी महामारी से दूध उत्पादक को फायदा मिल सके मुख्यमंत्री दूध संबल योजना के तहत दिए जाने वाले ₹2 प्रति लीटर के हिसाब से यह रुपए भी दी दूध उत्पाद को तक पूरा नहीं पहुंच रहा इसमें भी गलत हो रही है मैं बार-बार यही आपसे आशा रखता हूं कि एमडी पीके गोयल पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करें ताकी ताकी दूध उत्पादक जी सकें

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