खेती-किसानी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है भीषण गर्मी, जानिए किसानों को नौतपा से मिलने वाले लाभ

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 29 मई 2024

पिछले दो हफ्तों से भीषण गर्मी पड़ रही है और ज़मीन आग उगल रही है। इससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं पशु-पक्षियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोग गर्मी से बचने के लिए तमाम जतन कर रहे हैं। दूसरी ओर नौतपा की गर्मी किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इस दौरान किसान खेती की मिट्टी पलट कर खेत को उपज देने के लिए तैयार करते हैं।

नौतपा की गर्मी खेती किसानी के लिए कुदरत का दिया हुआ वरदान से कम नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो सूर्य जितना तपेगा, लू चलेगी, वर्षा काल उतना ही अच्छा होगा। नौतपा में जब भीषण गर्मी पड़ती है तो खेतों की जमीन रोगाणुओं से मुक्त हो जाती है।

गर्मी पड़ने से फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों सहित अन्य कीटाणुओं के अंडे खत्म हो जाते हैं, क्योंकि यह समय उनके प्रजनन काल का होता है ऐसे में फसलों के रोगजनक कीड़े जमीन में ही खत्म हो जाते हैं और जमीन अधिक तपने से किसानों की फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है।

तेज गर्मी से फसलों के दुश्मन कीड़े, मकोड़े, गोजा-लट, कातरा, टिड्डी के अंडे और खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। इस कारण यह नौतपा की गर्मी खेती किसानी के लिए बेहतर साबित होती है। नौतपा की प्रचंड गर्मी से भले ही जनजीवन अस्त-व्यस्त है लेकिन इस गर्मी का फसल चक्र को पूरा करने में अहम योगदान है।

गर्मी में खेतों की गहरी जुताई करने से खेत बिना रासायनिक दवाओं के ही रोगजनक कीटाणु और खरपतवार से मुक्ति मिलती है। मिट्टी अधिक तपने से आगामी फसल बाजरा, ग्वार, मूंग-मोठ, तिल, मूंगफली सहित चौमासा की सभी फसलें अच्छी होती है। यही कारण है कि भले यह नौतपा की गर्मी शहर वासियों के लिए मुसीबत का सबब है लेकिन खेती किसानी के लिए अच्छी कारगर साबित होती है।

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