डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 20 जुलाई 2021,
केंद्र की मोदी सरकार ने डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ाने और पुशपालन व डेयरी के बिजनेस से जुड़े किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत निवेशकों के लिए एक सम्पर्क सुविधा के रूप में काम करने के लिए एक ‘डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलरेटर’ स्थापित किया गया है। इसका मकसद डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना और उसे सुगम बनाना है। सरकार ने एक बयान में कहा कि डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलरेटर मंत्रालय के निवेश सुविधा प्रकोष्ठ का हिस्सा होगा। इसमें कहा गया है, ‘‘यह निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए अलग-अलग प्रकार के कार्यों में लगे लोगों की टीम है।’’
यह निवेश के अवसरों के मूल्यांकन के लिए विशिष्ट जानकारियों की पेशकश, सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन के बारे में प्रश्नों को संबोधित करने, राज्य के विभागों और संबंधित अधिकारियों के साथ जमीनी सहायता प्रदान करने के अलावा रणनीतिक भागीदारों के साथ जुड़ने जैसे निवेश चक्र में सहायता प्रदान करेगा। यह पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास को प्रोत्साहित करने वाली 15,000 करोड़ रुपये की सरकार की प्रमुख योजना- एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एएचआईडीएफ) के बारे में निवेशकों के बीच जागरूकता पैदा करेगा।
उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा आठ कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए फंड की स्थापना की गई है। पात्र संस्थाएं डेयरी प्रसंस्करण और संबंधित मूल्यवर्धन बुनियादी ढांचे, मांस प्रसंस्करण और पशु चारा संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयां स्थापित करने या मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने के लिए योजना का लाभ उठा सकती हैं। भारत सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जो वैश्विक दूध उत्पादन में 23 प्रतिशत का योगदान देता है।
सरकार ने कहा कि डेयरी अपने सामाजिक-आर्थिक महत्व के कारण एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान देने के साथ आठ करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार देता है। सरकार ने यह भी कहा कि भारतीय खाद्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा डेयरी क्षेत्र में देखा गया है।
अगर आप 10 पशुओं के साथ डेयरी फार्मिंग शुरू करते हैं तो आपको उनके हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाना होगा। इसके लिए आपको करीब 10*50 फुट की जगह चाहिए होगी। यहां मान लेते हैं कि एक गाय या भैंस 10*5 फुट की जगह होगी। जमीन की कीमत अलग-अलग राज्यों में लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। अगर आप किसान हैं और आपके पास जमीन है तो आपका ये खर्च बच जाएगा। इसके ऊपर शेड बनाने में आपको करीब 40-50 हजार रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। अब बारी आती है पशुओं की। अगर आप 10-10 लीटर रोज दूध देनी वाली गाय लेते हैं तो आपको प्रति गाय 40-50 हजार रुपये चुकाने होंगे। यानी आपको 4-5 लाख रुपये खर्च करने होंगे। वहीं सरकार की तरफ से आपको 1.5-2.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल जाएगी। वहीं गायों की देखभाल करने, चारा आदि खिलाने में आपको प्रति गाय हर महीने करीब 1000 रुपये का खर्च आएगा। यानी 10 पशुओं पर आपको लगभग 10 हजार रुपये हर महीने खर्च करने होंगे।
अगर हम ऊपर के उदाहरण को ही ध्यान में रखें तो एक गाय 10 लीटर दूध दे रही है यानी 10 गायों से आपको 100 लीटर दूध मिलेगा। यहां से आपका मुनाफा इस बात पर निर्भर करेगा कि आप दूध कैसे बेचते हैं। अगर दूध सरकारी डेयरी पर बेचेंगे तो आपको प्रति लीटर करीब 40 रुपये मिलेंगे, जबकि अगर आप यही दूध निजी तौर पर तमाम दुकानों या आस-पास के शहरों की बड़ी-बड़ी सोसाएटी में सीधे बेचते हैं तो आपको प्रति लीटर 60 रुपये तक मिलेंगे। अगर हम दोनों का औसत निकाल लें तो आप प्रति लीटर दूध 50 रुपये में बेच सकते हैं। इस तरह 100 लीटर दूध का मतलब हो गया कि आपकी रोजाना की आय 5000 रुपये होगी। यानी महीने में 1.5 लाख रुपये की कमाई। वहीं महीने में पशुओं पर चारे आदि का खर्च करीब 10 हजार रुपये ही होगा तो आपको हर महीने लगभग 1.4 लाख रुपये का मुनाफा होगा। ध्यान रहे कि इस मुनाफे में हमने गायों को खरीदने का खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च नहीं जोड़ा है। 10 गायों पर आपको सब्सिडी के बाद करीब 2.5 से 3.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े थे। यानी 2-3 महीनों में वो लागत निकल आएगी और उसके अगले महीने में इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च भी निकल आएगा। इसका मतलब हुआ कि लगभग 4 महीने बाद ही आप हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा कमाने लगेंगे।
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Dudh ke rate 23 rupey liter he our har gaay10 liter per day dudh nahi deti