डेयरी टुडे नेटवर्क,
अहमदाबाद/नई दिल्ली, 19 जुलाई 2020
अमूल ब्रांड के दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का कुल कारोबार बीते वित्त वर्ष 2019-20 में 52,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने शनिवार को यह जानकारी दी। जीसीएमएमएफ ही अमूल ब्रांड के उत्पादों का उत्पादन और बिक्री करता है। जीसीएमएमएफ ने कहा कि समूह का लक्ष्य 2024-25 तक एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का है।
जीसीएमएमएफ की 42वीं सालाना आम बैठक आणंद में हुई। बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि जीसीएमएमएफ समूह और उससे जुड़ी यूनियन सदस्यों का अमूल ब्रांड के तहत एकीकृत कारोबार 52,000 करोड़ रुपये से अधिक या करीब सात अरब डॉलर रहा है। बयान में कहा गया है कि हमारा 2024-25 तक एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य है। जीसीएमएमएफ ने कहा कि उसने 2019-20 में 38,542 करोड़ रुपये का बिक्री कारोबार दर्ज किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष से 17 प्रतिशत अधिक है।
अमूल तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि तेजी से विस्तार से अमूल का कारोबार 2009-10 की तुलना में पांच गुना हो गया है। यह 2009-10 में 8,005 करोड़ रुपये था। जीसीएमएमएफ ने अपने चेयरमैन रामसिंह परमार के हवाले से कहा कि 2019-20 में दूध की रोजाना खरीद 215.96 लाख लीटर रही। परमार ने कहा, ‘‘इस तेज वृद्धि की वजह हमारे सदस्य किसानों को दिया जाने वाला खरीद मूल्य है, जिसमें 2009-10 की तुलना में 127 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2009-10 में यह प्रति किलोग्राम वसा (फैट) 337 रुपये था, जो 2019-20 में 765 रुपये प्रति किलोग्राम वसा पर पहुंच गया।’’
श्री परमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब निजी दूध कंपनियों ने किसानों से खरीद बंद कर दी थी उस समय गुजरात की दुग्ध यूनियनों ने प्रतिदिन 35 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की थी और ग्रामीण क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों को करीब 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया था।
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