डेयरी टुडे नेटवर्क
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2017,
देश के किसानो पर मोदी सरकार एक और बोझ डालने की तैयारी में है। किसानो के लिए सबसे महत्वपूर्ण वाहन ट्रैक्टर को मोदी सरकार ने नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल की केटेगरी से बाहर निकालने का निर्णय लिया है। जिसका असर सीधे किसानो पर पड़ेगा और ट्रैक्टर की कीमतों में वृद्दि होगी। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसानो पर इसका सीधा असर होगा और ट्रैक्टर की कीमते बड़ने के साथ साथ उनपर टैक्स का बोझ भी बढेगा।
बताते दें कि अभी ट्रैक्टर पर रोड टैक्स में छूट मिली हुई है लेकिन ट्रांसपोर्ट व्हीकल की केटेगरी में आने के बाद ट्रैक्टर मालिको से रोड टैक्स वसूला जायेगा। साथ ही टैक्स का बोझ भी उन्हें उठाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि मोदी सरकार छोटे ट्रक और टेम्पो मालिको की शिकायत पर यह कदम उठा रही है, उन्हें शिकायत थी कि ट्रैक्टर मालिक ट्रैक्टर में ट्रॉली लगाकर सामान की ढुलाई करते हैं जिससे उनके भाड़े पर असर होता है। टेम्पो और छोटे ट्रक मालिको की शिकायत पर मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है। इस नियम के बाद किसानों को एग्रीकल्चर के नाम पर मिल रही छूट बंद हो जाएगी। ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञ एसपी सिंह कहते हैं कि ट्रैक्टर को अभी तक कृषि यन्त्र माना जाता है और खरीदते वक़्त इस पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है लेकिन अब नए रूल्स के अनुसार इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1889 में संशोधन किया जा रहा है और नया रूल सेंट्रल व्हीकल (अमेंडमेंट) रूल्स 2017 के नाम से जाना जायेगा। 1989 के रूल्स के मुताबिक ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल माना जाता है, लेकिन नए रूल के मुताबिक इस लाइन को हटा दिया जायेगा। मंत्रालय ने इसे लेकर 27 अक्टूबर तक सुझाव और आपत्तियां भी मांगी हैं।
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ye sarkar ki eak chaal h kissan k parti