डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2021,
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट में राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उत्तराखंड, उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ राज्यों ने भी राष्ट्रव्यापी नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में हिस्सा लिया।
A glimpse of River Ranching programme held at Gadh Mukteshwar, Hapur , Uttar Pradesh today . Union Minister Fisheries , Animal Husbandryand Dairying shri @PRupala and MOS @drsanjeevbalyan distributed the approval letter to various beneficiaries under#PMMSY . pic.twitter.com/WWKny8tvaY
— Ministry of Fisheries, Animal Husbandry & Dairying (@Min_FAHD) October 8, 2021
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार उत्तर प्रदेश में बृजघाट, गढ़मुक्तेश्वर, तिगरी, मेरठ और बिजनौर जैसे 3 स्थलों पर 3 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री राजेंद्र अग्रवाल, लोकसभा सांसद, मेरठ, उत्तर प्रदेश, श्री कमल सिंह मलिक, विधायक, गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश, श्री जतिंद्रनाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग, डॉ. सी. सुवर्णा, मुख्य कार्यकारी, एनएफडीबी, हैदराबाद, श्री सागरमेहरा, संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्यपालन), डीओएफ, भारत सरकार और एनएफडीबी, डीओएफ और स्थानीय निकायों के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। 500 से ज्यादा लोगों ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में हिस्सा लिया।
Union Minister @PRupala launches a nationwide River Ranching Programme in Uttar Pradesh
NFDB has sanctioned a total budget of Rs.2.81 crores to ranch 97.16 lakh fingerlings to States as a part of Action plan 2020-21 of PMMSY
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— PIB India (@PIB_India) October 8, 2021
उत्तराखंड में चंडी घाट, गंगा नदी, हरिद्वार में कुल 1 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया और इस पालन को नेपाल सिंह, पूर्व राज्य स्तरीय मंत्री, श्री बिपिन कुमार गर्ग, अध्यक्ष भाजपा, जबरेड़ा, हरिद्वार एवं श्री. सौरभ राणा, प्रतिनिधि, नमामि गंगेद्वारा पूरा किया गया।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत गढ़मुक्तेश्वर में माँ गंगा में मछलियों के बच्चे प्रवाहित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ व लाभार्थी किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किये।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत की सभी नदियों में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। pic.twitter.com/egquRAZSjZ— Dr. Sanjeev Balyan (@drsanjeevbalyan) October 8, 2021
त्रिपुरा में खोई नदी, तेलियामुरा, गोमती नदी, उदयपुर, धलाई नदी, कमालपुर और देव नदी, दशमीघाट नामक 4 स्थलों पर कुल 1.85 लाख मछली के बच्चों का पालन कार्यक्रम श्रीमती जमुना दास, अध्यक्ष; श्री बिप्लब घोष, विधायक, माताबाड़ी विधानसभा, श्री सुजीत बिस्वास, अध्यक्ष, सलीमा पंचायत क्षेत्र एवं श्रीमती हैप्पी दास, अध्यक्ष,कुमारघाट पंचायत समिति सहित अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थित में पूरा किया गया। नदी तटीय कार्यक्रम में कुल 218 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ग, समाज और क्षेत्र के चहुमुंखी विकास हेतु विविध योजनाएं कार्यान्वित है, जिसके तहत आज #PMMSY एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लाभार्थियों को विविध परियोजना के स्वीकृत पत्र और प्रमाणपत्र प्रदान किए। pic.twitter.com/rIl9nuyb3l
— Parshottam Rupala (@PRupala) October 8, 2021
छत्तीसगढ़ में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन कार्यक्रम मिरौनी बैराज, महानदी में श्रीमती साक्षी बंजारे, जिला पंचायत सदस्य, श्रीमती विद्या सिदार, अध्यक्ष, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, श्री लंबोधर चंद्रा, जनपद अध्यक्ष और श्री धर्मलाल साहू, सरपंच द्वारा पूरा किया गया। छत्तीसगढ़ में नदी तटीय कार्यक्रम में लगभग 100 लोग शामिल हुए।
मैं प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होने मुझे माँ गंगा को नैवेद्य स्वरूप इन मछलियों को यहाँ प्रवाहित करने का सौभाग्य दिया।
मोदी सरकार सिर्फ 10 नदियों में ही नहीं बल्कि भारत की सभी नदियों में रिवर रैचिंग कार्यक्रम करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। pic.twitter.com/amFlbhcBGR
— Parshottam Rupala (@PRupala) October 8, 2021
उड़ीसा के मुंदुली, कटक में 1.5 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया और नदी तटीय कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बिजय कुमार खंडयातराय, एडीएम, अंबर कुमार, पीडी, डीआरडीए, राजेश बेहरा, एलडीएम, यूके मोहंती, अतरिक्त मत्स्यपालन निदेशक, सुब्रत दास, जीएम, ओपीडीसी, और ज्योतिरेखा बेहरा,जिलापरिषद की अध्यक्ष, श्रीमती बबीता मोहंता, जिला मत्स्य अधिकारी एवं पीएफसीएस सदस्यों द्वारा किया गया।उड़ीसा में नदी तट कार्यक्रम में कुल 102 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इससे मत्स्य किसानों को अवश्य ही बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी #PMMSY योजना के माध्यम से मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आय में वृद्धि होने के साथ ही उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
— Parshottam Rupala (@PRupala) October 8, 2021
राष्ट्रीय स्तर के नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में कुल 5 राज्यों ने हिस्सा लिया और कुल 8.85 लाख मछली के बच्चों का पालन किया गया। इन 5 राज्यों में 1060 से ज्यादा लोगों ने भागीदारी की और राष्ट्रीय स्तर पर नदी तटीय कार्यक्रम को भव्य रूप से सफलता प्राप्त हुई। आपको बता दें कि पीएमएमएसवाई योजना के अंतर्गत विशेष गतिविधि के रूप में “नदी तटीय कार्यक्रम” की शुरूआत भूमि और जल का विस्तार, गहनता, विविधता और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए की गई है।
River ranching program at mirouni bairaj malkharouda district janjgir chapa Chhattisgarh@FisheriesGoI#PMMSY #NFDB pic.twitter.com/FZRmPPjklw
— Cg36fisheries (@cg36fisheries) October 9, 2021
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन मंत्रालय ने पूरे देश में नदी तटीय कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद को पीएमएमएसवाई के केंद्रीय क्षेत्र घटक के अंतर्गत नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है। बढ़ती हुई मानवीय आबादी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की आवश्यकता के कारण मछली की मांग में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है। किफायती और पर्यावरण के दृष्टिकोण से उपयुक्तरूप से, मत्स्य संसाधनों का सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देना समय की मांग बन चुकी है। नदी तटीय कार्यक्रम ऐसी ही एक गतिविधि है जो चिरस्थायी मत्स्य पालन, आवास क्षरण में कमी, जैव विविधता का संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक लाभों को अधिकतम और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का आकलन कर सकती है। हालाँकि, नदी तटीय कार्यक्रम पारंपरिक मत्स्यपालन, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और अंतर्देशीय समुदायों का व्यापार और सामाजिक सुरक्षा के उन्नयन को भी सुनिश्चित करती है।
मत्स्य किसानों की आय बढ़ाने और उनकी जीवन को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत राज्यों को 97.16 लाख मछली के बच्चे का पालन करने के लिए कुल ₹2.81 करोड़ का बजट स्वीकृत होने से समृद्धि के नए द्वार खुले है।
https://t.co/VxSTaimBGD— Parshottam Rupala (@PRupala) October 9, 2021
इस कार्यक्रम को ज्यादा मछली पकड़ने, मछुआरों की आजीविका को बेहतर करने और नदी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए प्रोग्राम किया गया है, क्योंकि वे भोजन के रूप में जैविक अवशेषों को लेते हैं, मुख्य रूप से कम हुए मछली स्टॉक को उपर उठाने और पालन किए गए मछली प्रजातियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए।
2020-21 के दौरान फेज-1 कार्यक्रम के रूप में, एनएफडीबी ने तीन प्रमुख नदी प्रणालियों गंगा और उसकी सहायक नदियों, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी की सहायक नदियों और महानदी और अन्य नदियों को लक्षित किया है। तदनुसार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड और बिहार जैसेनदी बेल्ट की लंबाई पर ध्यान केंद्रित करने वाले छह प्रमुख अंतर्देशीय राज्यों का चयन मछली के बच्चों का पालन करने के लिए लक्षित स्थलों के साथ किया गया है।एनएफडीबी ने पीएमएमएसवाई की कार्य योजना 2020-21 के अंतर्गत राज्यों को 97.16 लाख मछली के बच्चे कापालन करने के लिए कुल 2.81 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
Around 60 thousand Fish fingerlings will be released into Holy River Ganges at the hands of Hon’ble Minister today .@drsanjeevbalyan @BBCFarmingToday @Murugan_MoS @PRupala @PIB_India @MIB_India @transformIndia @ANI @Anurag_Office
— Ministry of Fisheries, Animal Husbandry & Dairying (@Min_FAHD) October 8, 2021
उपर्युक्त उद्देश्यों को लक्षित करते हुए, राज्य द्वारा प्रजनन प्रोटोकॉल और मानक उपायों का पालन किया गया है जो देशी मछली प्रजातियों के बच्चों का नदियों में पालन करने के लिए आवश्यक हैं, जो मछली उत्पादन को बढ़ाने, आश्रित मछुआरों की आजीविका में सुधार लाने और नदी प्रणाली में एक स्वस्थ वातावरण उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेगा। नदी तटीय कार्यक्रम के लिए सुझाए गए मछली के बच्चों का आकार 80-100 मिमी है, क्योंकि चयनित राज्य में मछली के बच्चे पालन कार्यक्रम के लिए बेहतर आकार तक पहुंच चुके हैं।इसलिए, एनएफडीबी ने मत्स्यपालन विभाग के मार्गदर्शन में 6 राज्यों के सहयोग से आज राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
On 08.10.2021, Hon’ble Union Minister for @Min_FAHD, Shri. @PRupala inaugurated 'River Ranching Programme' at Brijghat,Garh Mukteshwar, #UttarPradesh.@drsanjeevbalyan @LAXMINCHAUDHARY@MP_Meerut@Suvarnach5 @FisheriesGoI @nfdbindia @FDepar2 pic.twitter.com/LyZKL4gL1J
— NFDB (@nfdbindia) October 8, 2021
इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमार बालियान, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री राजेंद्र अग्रवाल, लोकसभा सांसद, मेरठ, उत्तर प्रदेश, श्री कमल सिंह मलिक, विधायक, गढ़मुक्तेश्वर, उत्तर प्रदेश, श्री जतिंद्रनाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग,डॉ. सी. सुवर्णा, मुख्य कार्यकारी, एनएफडीबी, हैदराबाद, श्री सागरमेहरा, संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्यपालन), डीओएफ, भारत सरकार और एनएफडीबी, डीओएफ और स्थानीय निकायों के अन्य गणमान्य लोगभी मौजूद थे।
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