केंद्रीय डेयरी एवं पशुपालन मंत्री ने जारी किए मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (SVTG)

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2024,

केंद्रीय डेयरी, पशुपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में भारत में पशु स्वास्थ्य प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए।

स्टैंडर्ड वेटर्नरी ट्रीटमेंट गाइडलाइन्स यानी मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (एसवीटीजी) नाम का पहला दस्तावेज बहुत व्यापक है और पशु चिकित्सा देखभाल के लिए सर्वोत्तम विधियों को रेखांकित करता है। इस गाइडलाइन्स का उद्देश्य पशुधन के समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करना और रोगाणु-रोधी प्रतिरोध के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का समर्थन करना है।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने पशु रोगों के लिए संकट प्रबंधन योजना (सीएमपी) को भी जारी किया। यह दूसरा महत्वपूर्ण दस्तावेज पशु रोगों के प्रकोप के प्रबंधन और उचित समय पर बचाव के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा, जिससे रोगों का त्वरित रोकथाम और शमन सुनिश्चित होगा।

ये दस्तावेज पशु चिकित्सकों, नीति निर्माताओं और संबंद्ध क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों के लिए मानक विधियों के तौर पर काम करेंगे, जिससे पशु स्वास्थ्य संकट के समय और अधिक प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने तथा रोगों का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

इससे पहले केंद्रीय मंत्रीय लल्लन सिंह ने “महामारी की तैयारी और बचाव के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरण” पर महामारी निधि परियोजना शुरू की। यह महामारी निधि परियोजना 25 मिलियन डॉलर की है और इसे जी-20 महामारी निधि द्वारा वित्तपोषित किया गया है।

इस असर पर केंद्रीय मंत्री ने एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जो स्वास्थ्य संकट को रोकने और इसका प्रबंधन करने में मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत करता है। हाल ही में कई मानव स्वास्थ्य आपात स्थितियां जानवरों से उत्पन्न हुई है, इसलिए यह परियोजना भविष्य की महामारियों से मानव और पशु दोनों की रक्षा के लिए जूनोटिक जोखिमों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता पर बल देती है।

इस मौके पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन भी उपस्थित रहे, साथ ही जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) प्रोफेसर डॉ. वी के पॉल, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय सहित प्रमुख लोग भी मौजूद रहे।

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