डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 25 अगस्त 2021,
लस्सी और फ्लेवर्ड मिल्क पर जीएसटी को लेकर गुजरात के जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAR-Gujarat) का एक दिलचस्प आदेश आया है। AAR-Gujarat ने कहा कि लस्सी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त है। दूसरी तरफ कोर्ट ने कहा है कि फ्लेवर्ड मिल्क पर जीएसटी लगता रहेगा। गौरतलब है कि लस्सी और फ्लेवर्ड मिल्क दोनों दूध से बने उत्पाद हैं, लेकिन दोनों के मामले में टैक्स के नियम अलग हैं। जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAR-गुजरात) ने इस बाबत एक आदेश जारी करके टैक्स के कनफ्यूजन को दूर करने की कोशिश की है।
मी के मुताबिक AAR ने हाल में आए एक मामले में यह आदेश दिया। गुजरात के वलसाड में लस्सी, फ्लेवर्ड मिल्क के सप्लायर संपूर्ण डेयरी ऐंड एग्रोटेक (Sampoorna Dairy and Agrotech) ने इस मामले में AAR-Gujarat में याचिका दायर की थी। संपूर्ण डेयरी ऐंड एग्रोटेक चार तरह के फ्लेवर में ‘Elan’ ब्रैंड नाम से लस्सी बेचती रही है। इनमें प्लेन (बिना शुगर या साल्ट के), जीरा और साल्ट के साथ, चीनी के साथ स्ट्राबेरी फ्लेवर और चीनी के साथ ब्लूबेरी फ्लेवर।
कंपनी ने जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स से पूछा था कि क्या उनके ये प्रॉडक्ट लस्सी की कैटेगरी में आते हैं और हां तो उस पर किस रेट से जीएसटी लगेगा। दरअसल, उसकी लस्सी के पैकेज पर लिखा होता है कि वह टोंड मिल्क, मसाले, पुदीना, हरी मिर्च, अदरक, नमक, एक्टिव कल्चर, नेचुरल फ्लेवर से बना है और यह डेयरी बेस्ड फर्मेंटेड ड्रिंक है।
AAR की गुजरात बेंच ने इस बात पर गौर किया कि लस्सी में सिर्फ दही, पानी और मसालों का इस्तेमाल किया गया है। दही, लस्सी और छाछ को जीएसटी के एक खास स्पेसिफिकेशन (HSN 040390) के तहत रखा गया है और इन पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता। इसलिए कोर्ट ने भी आदेश दिया कि लस्सी पर जीएसटी नहीं लगेगा।
दूसरी तरफ, फ्लेवर्ड मिल्क पर जीएसटी से छूट नहीं है. अमूल से जुड़े एक पुराने मामले में Gujarat AAR पहले ही यह कह चुका है कि दूध, शुगर और परमिटेड फ्लेवर से बने फ्लेवर्ड मिल्क पर जीएसटी लगेगा। नियम के मुताबिक फ्लेवर्ड मिल्क पर 12 फीसदी का जीएसटी लगता है।
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