BY नवीन अग्रवाल
लखनऊ/नोएडा, 16 जुलाई 2017,
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई गोपालक योजना कागजों में ही सिमटकर रह गई है। अभी तक शासन ने इसके लिए न तो लक्ष्य निर्धारित किया है और न ही कोई बजट। इसके चलते तमाम गोपालक योजना का लाभ पाने के लिए पशुपालन विभाग में चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
कामधेनु की जगह गोपालक योजना शुरू की गई
प्रदेश में सपा शासनकाल में राष्ट्रीय कामधेनु डेयरी विकास योजना के तहत कामधेनु डेयरी, मिनी कामधेनु डेयरी व माइक्रो कामधेनु डेयरी योजना लागू की गई थी, जिसमें तमाम पशुपालक आज भी उन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोपालक योजना लांच की गई थी, जिसमें दस दुधारू गाय-भैंस की प्रदेश में पांच हजार इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था। एक इकाई की योजना लागत नौ लाख रुपये निर्धारित करते हुए 1.80 लाख रुपये लाभार्थी तथा शेष 7.20 लाख रुपये लोन के रूप में बैंक से दिए जाने थे। निर्धारित 8 माह में डेयरी लगाने पर 10 हजार रुपये अनुदान दिया जाना था। बैंक लोन पर प्रति वर्ष 40 हजार रुपये (5 वर्ष तक) का अनुदान पशुपालन विभाग को देना था।
योजना शुरू नहीं होने से किसान परेशान
लेकिन अभी तक गोपालक योजना लागू न होने से किसान बेहद परेशान हैं। इसके लिए वह पशुपालन विभाग में चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि शासन ने इस योजना के लिए न तो लक्ष्य दिया है और न ही किसी प्रकार का फंड ही जारी किया है। पशुपालन विभाग के अफसरों का कहना है कि उन्हें गोपालक योजना के संबंध में दिशा निर्देश जरूर मिले हैं लेकिन अभी तक इस योजना में न तो लक्ष्य मिला है और न हीं कोई दिशा निर्देश। इसके चलते पशुपालकों को सिर्फ योजना की जानकारी दी जा रही है। जैसे ही शासन से दिशा निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुरूप पशुपालकों के आवेदन लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
कामधेनु योजना की सुध क्यों नहीं ले रही सरकार?
नवनीत महेश्वरी,संस्थापक,
कामधेनु डेयरी वेलफेयर एसोसिएशन,यूपी
वहीं कामधेनु योजना में फंसे लोग योगी सरकार के इस रवैये से खासे परेशान हैं। कामधेनु योजना के तहत प्रदेश में 4 हजार से ज्यादा डेयरियां संचालित हो रही हैं और बडी संख्या में युवा और पेशेवर लोग इस योजना में अपनी रकम फंसाए हुए हैं। यूपी कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक नवनीत महेश्वरी का कहना है कि ये समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार प्रदेश में दुग्ध का उत्पादन बढाना चाहती है या फिर पिछली सरकार की योजनाओं को जानबूझ कर बंद कर बदला लेना चाहती है। महेश्वरी के मुताबिक सरकार यदि दुग्ध उत्पादन को बढाने को लेकर गंभीर है तो नई योजना लाने के बजाए उसे पूर्व में चल रही कामधेनु योजना को ही अच्छी तरह से संचालित करना चाहिए और इस योजना के तहत डेयरियां लगाने वाले हजारों लोगों की समस्याओं का निराकरण करना चाहिए।
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी…
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024, हर साल 26 नवंबर को…
डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024, डेयरी स्टार्टअप दूधवाले फार्म्स ने कारोबार बढ़ाने…
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024, दिल्ली-एनसीआर के बाजार में कर्नाटक…
नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024, कर्नाटक का नंदिनी मिल्क ब्रांड…
डेयरी टुडे नेटवर्क, चंडीगढ़, 19 नवंबर 2024 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य में डेयरी…
View Comments
please sir kai berojgar log intejar kar rahe hai ab to suru kijiye
Sir please mujhe bhi intjar h gopalak yojna ka kyu ki Mai ek post graduate kar ke berojgar baitha hu is yojana ka intjar kar rha hu ye Mera no h9565852270
Sir ji malum kaise hoga
Sir यूपी में कब से शुरू होगा पशुपालन Yojana Kaise Maloom hoga Ki Yojana chalu ho gayi batane ka kast kare dhanyavad
Please inform me
When this facility start
My contact no. 8127578418
Sir muche deyri farm ke liye lon chahiye my n. 9519166252
Sir kb suru karenge plz contact me 8400924125
When it is starting sir ji 9335479814
kab dayri ka time tebal nikalega
No matter what you do or do not know