डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 30 अगस्त 2017,
लखनऊ में आज स्टार्टअप के एक कार्यक्रम में सिविक सेंस यानी नैतिक ज़िम्मेदारी पर बोलते बोलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ ऐसा बोल गए जो शायद किसी ने सोचा भी नहीं था। कार्यक्रम के दौरान योगी ने कहा कि मुझे लगता है कहीं ऐसा न हो कि लोग अपने बच्चे 2 साल के होते ही सरकार के भरोसे छोड़ दें, सरकार उनका पालन पोषण करे। उन्होंने ने कहा कि, हमारे अंदर सिविक सेंस नहीं है। हम सफाई करना भी नहीं चाहते हैं, हम समझते हैं कि सरकार की ज़िम्मेदारी है, नगर निगम की ज़िम्मेदारी है, ग्राम समाज की ज़िम्मेदारी है।जै से कि हम सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो गए हों, हम लोगों ने अपनी ज़िम्मेदारी सरकार को दे दी है और मुझे तो कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि एक समय बाद कहीं ऐसा न हो कि लोग बच्चों को 1-2 साल पालने के बाद सरकार के भरोसे न छोड़ दें कि सरकार इन बच्चों का पालन पोषण करेगी।
गौ सेवा पर सरकार का पल्ला झाड़ते हुए योगी ने कहा कि, “मैं देख रहा हूं कि हर प्रकार में यही स्थिति हो गयी है, लोग गाय को घर में रखेंगे, दूध बेचेंगे, लेकिन सड़क पर छोड़ देंगे कि इनको सरकार देखे। मेरे पास शिकायतें आती हैं, विधायक कहते हैं कि गांव में गोशाला खोल दें। मैंने कहा वाह दूध पिओगे तुम और घास लाने और गोबर उठाने का काम सरकार करेगी।”
योगी ने कहा कि, मीडिया कहती है कि उस जगह कूड़ा पड़ा है। हम लोग मानते हैं, सरकार कि जिम्मेदारी है, लगता है लोग सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, यूपी सरकार ने 1000 करोड़ रुपए स्टार्टअप फंड के लिए आवंटित किए हैं। सिडबी (SIDBI) के साथ मिलकर 15 सितंबर से इस योजना की शुरुआत की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी। योगी ने कहा कि, हमने किसी धर्म, जाति के लिए काम नहीं किया है। गरीबों, बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं के लिए काम किया है। हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई क्षमता होती है। हर व्यक्ति की प्रतिभा को निखारने की जरुरत होती है, स्टार्टअप इसी का माध्यम है।
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